विदेश मंत्री जयशंकर ने 05 दिसंबर 2021 को अबू धाबी में पांचवें हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक वैश्वीकृत दुनिया में नेविगेशन और ओवरफ्लाइट और अबाधित वाणिज्य की स्वतंत्रता का सम्मान करने और सुविधा प्रदान करने के महत्व पर ज़ोर दिया।
जयशंकर ने कहा कि चीन की बढ़ती क्षमताओं के परिणाम बहुत गहरे हैं क्योंकि इसकी घरेलू सहजता बाहरी दुनिया में फैल गई है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, अब सत्ता और प्रभाव के बदले हुए स्वरूप पर बहस चल रही है, चाहे वह संपर्क हो, प्रौद्योगिकी हो या व्यापार।
मंत्री ने कहा कि दो घटनाक्रमों ने उन अनिश्चितताओं को काफी बढ़ा दिया है जिन पर हिंद महासागर के देश विचार कर रहे हैं। एक अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी है और दूसरा एक ऐसे क्षेत्र पर कोविड का प्रभाव है जो विशेष रूप से स्वास्थ्य और आर्थिक तनाव की चपेट में है।
उन्होंने बताया कि क्वाड ने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई, वैक्सीन सहयोग, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च शिक्षा और लचीला आपूर्ति श्रृंखला सहित कई क्षेत्रों को कवर करते हुए एक मजबूत एजेंडा विकसित किया है।
मंत्री ने अबू धाबी में सम्मेलन के इतर यूएई के अपने समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ बैठक की। जयशंकर ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की और यूएई की स्वर्ण जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी।