जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग मुठभेड़ों में 6 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मारे गए

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल उग्रवादी समूहों में शामिल होने वाले लगभग 70% युवा स्थानीय लोग या तो मारे गए या गिरफ्तार किए गए है।

दिसम्बर 30, 2021
जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग मुठभेड़ों में 6 जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मारे गए
The group is known to have links with the Taliban and Al Qaeda and has previously conducted several deadly attacks in India, including the 2019 Pulwama attack.
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जम्मू-कश्मीर में बुधवार को दो अलग-अलग मुठभेड़ों में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के छह आतंकवादी मारे गए है। मारे गए दो आतंकियों की पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रूप में हुई है।

जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तान में स्थित समूह है जिसे भारत, संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और अमेरिका ने आतंकी संगठन के रूप में घोषित किया है। समूह के तालिबान और अल कायदा के साथ संबंध है और इससे पहले इसने भारत में कई घातक हमले किए हैं, जिसमें 2019 का पुलवामा हमला भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप कश्मीर में 46 भारतीय सैनिक मारे गए थे। दरअसल, इसी महीने सुरक्षा बलों के सदस्यों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादी हमले में तीन पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे। बताया गया कि श्रीनगर में आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की थी।

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कश्मीर ज़ोन पुलिस ने अनंतनाग और कुलगाम जिलों में किए गए सुरक्षा अभियानों को बड़ी सफलता के रूप में बताया। पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि मुठभेड़ में मारे गए लोगों में से दो की पहचान पाकिस्तानी और दो अन्य की पहचान स्थानीय आतंकवादी के रूप में हुई है। अन्य दो की पहचान अभी नहीं हो पाई है।

हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा उद्धृत अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने एक ख़ुफ़िया सूचना के बाद ऑपरेशन शुरू किया जिसमें आतंकवादियों के स्थान का खुलासा हुआ। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई की। अनंतनाग में मुठभेड़ के दौरान एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया। एनडीटीवी के हवाले से एक पुलिस सूत्र ने कहा कि अधिकारियों को इलाके में अन्य आतंकवादियों की मौजूदगी का संदेह है।

यह कश्मीर घाटी में आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों की जांच के लिए भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया नया सुरक्षा अभियान है। इस महीने की शुरुआत में, दो आतंकवादी, जैश-ए-मोहम्मद का एक कमांडर और एक विदेशी आतंकवादी और आईईडी विशेषज्ञ, कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में मारे गए थे।

फ़र्स्टपोस्ट द्वारा उद्धृत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल उग्रवादी समूहों में शामिल होने वाले लगभग 70% युवा स्थानीय लोगों को या तो मार दिया गया या गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से 82 को गिरफ्तार कर लिया गया है और 28 अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में हैं। हालांकि, 75 विदेशियों सहित 165 अन्य अभी भी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं। खबरों से पता चलता है कि अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफ़ग़ान जेलों से रिहा किए गए जैश-ए-मोहम्मद के लगभग 100 सदस्य समूह में फिर से शामिल हो गए हैं और भारत पर हमले की योजना बना रहे हैं।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team