बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, ऑस्ट्रियाई चांसलर सेबेस्टियन कुर्ज़ ने पुष्टि की कि एक संसदीय समिति के सामने झूठे बयान देने के लिए उनके चीफ ऑफ स्टाफ, बर्नहार्ड बोनेली के साथ की आर्थिक और भ्रष्टाचार अभियोजक के कार्यालय द्वारा जांच की जा रही है। कुर्ज़ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।
कुर्ज़ ने कहा कि आरोप 'इबिसा-गेट' घोटाले की संसदीय समिति की जाँच के दौरान दिए गए उनके बयान के बारे में हैं, जो उनके पिछले कार्यकाल में हुआ था और जिसमें उन्होंने अपने रूढ़िवादियों और स्वतंत्रता पार्टी के बीच गठबंधन किया था। विवाद 2019 में कुर्ज़ के नेतृत्व वाली सरकार के पतन और उनके चांसलर हेंज-क्रिश्चियन स्ट्रेच के इस्तीफे के परिणामस्वरूप हुआ था। यह 2017 के चुनावों के लिए इबिसा में एक स्टिंग वीडियो रिकॉर्डिंग से बढ़ गया था, जिसमें स्ट्रेच और डिप्टी पार्टी के नेता जोहान गुडेनस को एक कथित रूसी निवेशक के साथ फिक्स कॉन्ट्रैक्ट देने की पेशकश की थी। इसके बदले में रूसी निवेशक ने संसदीय चुनाव में सकारात्मक कवरेज सुनिश्चित करने का वादा किया गया था, अगर वह एक ऑस्ट्रियाई टैब्लॉइड कंपनी क्रोनन ज़ितुंग को खरीदने उनकी मदद करे। विवाद के पश्चात सरकार गिर गयी थी, जिसके बाद कुर्ज़ ने ग्रीन्स के साथ गठबंधन किया और 2020 में एक बार फिर से चांसलर के रूप में चुने गए।
हालिया भ्रष्टाचार विरोधी जांच एक पार्टी के वफ़ादार थॉमस श्मिड की एक राज्य संचालित कंपनी ओबैग के प्रमुख के रूप में नियुक्ति के संबंध में है, जो ऑस्ट्रियाई सरकार के आंशिक या पूरी तरह से स्वामित्व वाली 11 कंपनियों को देखने के लिए ज़िम्मेदार है। । कुर्ज़ ने आयोग के जांचकर्ताओं को बताया कि वह श्मिड की नियुक्ति में शामिल नहीं थे और यह निर्णय कंपनी की बोर्ड द्वारा उनकी योग्यता को देखते हुए किया गया था। उन्होंने आगे दावा किया कि उन्हें श्मिड की नियुक्ति का समर्थन करना भी याद भी नहीं है। हालाँकि उनके बयान के बाद, दोनों के बीच के संदेश सामने आए, जिसमें कुर्ज़ ने श्मिड को "जो कुछ भी आप चाहते हैं, वैसे ही" का वादा किया था, जिससे उनकी पिछली टिप्पणियों की सत्यता पर सवाल उठ रहे है।
ऑस्ट्रियाई कानूनों के अनुसार, शपथ के तहत झूठ बोलने पर तीन साल की जेल की सज़ा हो सकती है। कुर्ज़ का कहना है कि हालाँकि जब उन्होंने सवालों के सच्चाई से जवाब देने के लिए हमेशा कोशिश की है, कई सवाल परिधि में होने वाली घटनाओं के बारे में थे। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जांच को उछाला जा रहा है और गवाहों को झूठे बयान देने पर मजबूर किया जा रहा है। इसी के साथ सवालों को जानबूझ कर अपमानजनक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा की वह ऑस्ट्रिया के चांसलर के पद से इस्तीफ़ा देने को तैयार नहीं है और ऐसी उम्मीद भी नहीं कर सकते है।