बांग्लादेश ने भारत सहित 3 देशों के राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा वापस ली

इस हमले में मारे जाने वालों में भारत की 19-वर्षीय तारिषी जैन भी शामिल थीं। गर्मी की छुट्टियों में अमेरिका से घर आई तारिषी अपनी दो सहेलियों के साथ हॉली आर्टिसन बेकरी शाम बिताने पहुंची थी।

मई 16, 2023
बांग्लादेश ने भारत सहित 3 देशों के राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा वापस ली
									    
IMAGE SOURCE: अमेरिकी दूतावास ढाका
राजनयिकों और स्थानीय लोग 2016 में ढाका की आर्टिसन बेकरी में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए

बांग्लादेश की सरकार ने चार देशों के राजनयिकों को दी जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा वापस ले ली है। हालाँकि देश के विदेश मंत्री शहरयार आलम ने कहा कि इसका आधिकारिक तौर पर राजनयिकों को दी जाने वाली सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है। इन देशों में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब के राजनयिक शामिल हैं। 

प्रकरण 

ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार ढाका के गुलशन में 2016 के होली आर्टिसन हमले के बाद बांग्लादेश में तैनात राजनयिकों को जो विशेष सुरक्षा मिल रही थी, उसके बारे में विदेश मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने कहा कि यह कभी भी सरकार का आधिकारिक आदेश नहीं था।

उन्होंने सोमवार को मीडिया से कहा कि "बांग्लादेश में राजनयिकों के लिए कोई अतिरिक्त प्रोटोकॉल दिए जाने का कोई नियम नहीं हैं। जब राजनयिकों को सुरक्षा देने की बात आती है तो बांग्लादेश सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नियमों और दुनिया भर में व्यापक प्रथाओं का पालन करती है। इसका मतलब है कि इन चारों देशों के राजनयिकों को सामान्य रूप से दी जाने वाली आधिकारिक सुरक्षा पहले की तरह ही मिलती रहेगी।"

बांग्लादेशी मंत्री ने कहा कि “अगर मैं गलत नहीं हूँ, तो बांग्लादेश में तैनात प्रत्येक राजनयिक के साथ एक सशस्त्र बंदूकधारी सुरक्षा के तौर रहता है। इसके अलावा, उन्हें उनके घरों और दूतावासों सहित अधिकांश जगहों पर पुलिस सुरक्षा भी दी जाती है।”

साथ ही उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सुरक्षा जो पहले दी जा रही थी, वह किसी भी प्रकार के समझौते या नियम में शामिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि होली आर्टिसन हमले के बाद कुछ राजनयिकों ने निजी तौर पर सरकार और खासकर पुलिस से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी और वह उन्हें अनौपचारिक रूप से, प्रशंसा के प्रतीक के रूप में दिया गया था। इसलिए, चूंकि यह विशेषाधिकार उन्हें अनौपचारिक रूप से दिया गया था, इसलिए यह हमारे लिए अनिवार्य नहीं है कि हम उन्हें इसकी वापसी के बारे में औपचारिक रूप से सूचित करें।”

क्यों लिया गया यह निर्णय 

बांग्लादेशी मंत्री ने बताया कि हाल ही में नियुक्त कुछ राजनयिकों या उच्चायुक्तों ने सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा का अनुरोध किया है। हालांकि, कर्मचारियों की कमी के कारण बांग्लादेश पुलिस के लिए इस अनुरोध को पूरा करना संभव नहीं है। पड़ोसी देश जल्द ही ऐसा ही फैसला अपने नेताओं की सुरक्षा के लिए भी कर सकता है। 

हालाँकि, मंत्री ने ऐसी सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए देश की एक योजना से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक समर्पित बांग्लादेश अंसार बल की स्थापना की है।

उन्होंने कहा कि “सरकार ने राजनयिकों की सुरक्षा देने के लिए एक विशेष बल का गठन किया है। हालांकि, इस सेवा को चाहने वाले व्यक्तियों को विदेश मंत्रालय को एक लिखित आवेदन जमा करना होगा। जो विदेशी प्रतिष्ठान अतिरिक्त सुरक्षा चाहते हैं, वे एक निश्चित शुल्क देकर गार्ड रेजीमेंट से सेवा प्राप्त कर सकते हैं।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि "इससे हमें कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने में मदद मिलेगी।"

2016 ढाका हमला 

1 जुलाई 2016 की रात को पांच आतंकवादियों ने गुलशन थाना में होली आर्टिसन बेकरी में कई लोगों को बंधक बना था। आतंकवादियों के पास देसी बम, चाकू और बंदूकें थी। इस हमले में 29 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 20 बंधक (17 विदेशी और 3 स्थानीय), दो पुलिस अधिकारी, पांच बंदूकधारी और दो बेकरी कर्मचारी शामिल थे। इसमें 9 इतालवी नागरिकों सहित 7 जापानी नागरिकों की मौत हुई थी। 

इस हमले में मारे जाने वालों में भारत की 19-वर्षीय तारिषी जैन भी शामिल थीं। गर्मी की छुट्टियों में अमेरिका से घर आई तारिषी अपनी दो सहेलियों के साथ हॉली आर्टिसन बेकरी शाम बिताने पहुंची थी।

बांग्लादेश की सरकार ने उस समय राजनयिकों को अतिरिक्त सुरक्षा इसलिए दी थी क्योंकि यह हमला ढाका के राजनयिक क्षेत्र में हुआ था। एक गवाह के अनुसार, बंधकों को एक परीक्षा दी गई थी, जिसमें उन्हें कुरान पढ़ना था। ऐसा न कर सकने वाले लोगों की यातना देकर हत्या कर दी गयी थी। 

इस हमले में बचाव अभियान का आदेश बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दिया था और इसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट नाम दिया गया था। हमले की ज़िम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी और तमीम चौधरी, हमले के कथित मास्टरमाइंड को बांग्लादेशी बलों द्वारा ढाका में आईएस के सुरक्षित ठिकाने पर हमले में मारा गिराया गया था।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team