चिली के लोगों ने नया संविधान प्रारूप तैयार करने के लिए 'बाहरी लोगों' को वोट दिया, पिनेरा सरकार को झटका
Subtitle: पिनेरा प्रशासन की संविधान में अवरुद्ध करने और मौलिक परिवर्तनों की क्षमता में सरकार समर्थक उम्मीदवारों ने केवल एक-चौथाई सीटें जितने के बाद गंभीर कमी आयी है
चिली के केंद्र-दक्षिणपंथी सत्तारूढ़ गठबंधन को देश के नए संविधान के प्रारूपण को प्रभावित करने के अपने प्रयास में एक कड़ा झटका मिला है, क्योंकि परिणाम के अनुसार नागरिकों ने प्रारूप समिति बनाने के लिए स्वतंत्र और विपक्षी उम्मीदवारों के लिए भारी मतदान किया है। प्रक्रिया के नियमों के अनुसार, किसी भी प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के लिए निकाय के एक तिहाई प्रतिनिधियों के समर्थन की आवश्यकता होती है। हालाँकि, पिनेरा प्रशासन की संविधान में अवरुद्ध करने और मौलिक परिवर्तनों की क्षमता में सरकार समर्थक उम्मीदवारों ने केवल एक-चौथाई सीटें जितने के बाद गंभीर कमी आयी है।
इस स्तर पर, लगभग 98% मतों की गिनती हो चुकी है, लेकिन सभी संकेत इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि सरकार समिति का नियंत्रण हासिल करने में असमर्थ होगी जब तक कि वह स्वतंत्र प्रतिनिधियों के साथ गठबंधन करने में सक्षम न हो जाए। दरअसल, सत्तारूढ़ गठबंधन को मेयर, गवर्नर और नगरपालिका चुनावों में भी हार मिली है, जिससे नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव में फिर से चुनाव जीतने की पिनेरा प्रशासन की महत्वाकांक्षाओं को भारी झटका दिया है।
पिछले अक्टूबर में, 78% से अधिक, या 6 मिलियन चिलीवासियों ने एक जनमत संग्रह में 1980 में पूर्व तानाशाह ऑगस्टो पिनोशे द्वारा अनुमोदित संविधान को बदलने के लिए एक नए संविधान का प्रारूप तैयार करने के पक्ष में मतदान दिया था। उसी जनमत संग्रह के भीतर, 79% मतदाताओं ने मौजूदा सांसदों को शामिल करने के बजाय केवल नए निर्वाचित प्रतिनिधियों को नए संविधान का प्रारूप तैयार करने का काम सौंपा।
इसकी वजह से नए दस्तावेज़ को लिखने के लिए 155 प्रतिनिधियों को निर्धारित करने हेतु इस महीने एक संविधान सम्मेलन की प्रक्रिया शुरू की गयी है। इन निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास एक नया संविधान तैयार करने के लिए नौ महीने का समय होगा, जिसमें तीन महीने की समय सीमा विस्तार का विकल्प भी होगा। आखिरकार 2022 में चिली के नागरिक इस पर मतदान करेंगे कि उनके प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जाए या नहीं।
स्थानीय समाचार एजेंसियों ने बताया है कि निर्दलीय उम्मीदवारों के 48, केंद्र-दक्षिणपंथी के 25 और वामपंथियों के द्वारा 28 सीटें जीतने की संभावना हैं। इस बीच, दक्षिणपंथी चिली वामोस गठबंधन के द्वारा 37 सीटें जीतने का अनुमान है।
एक नए संविधान के लिए जनता की मांग प्रणालीगत असमानता, भ्रष्टाचार और अभिजात्यवाद के ख़िलाफ़ लंबे समय तक विरोध के बाद आयी है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न मुद्दों पर, हज़ारों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा के इस्तीफ़े की मांग के लिए सड़कों पर उतरे हैं और उनका संकल्प सुरक्षा बलों की क्रूर प्रतिक्रिया के कारण बढ़ गया है। 2019 में, स्थापना विरोधी प्रदर्शनों में 30 लोगों की मौतें और हज़ारों लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी।
पिछले तीन दशकों में, चिली में आय असमानता बढ़ी है, 10% आबादी अब देश के 40% धन को नियंत्रित करती है, जिससे यह सबसे असमान विकसित देशों में से एक बन गया है। प्रदर्शनकारियों ने इस तथ्य की निंदा की है कि अमीरों को कर में छूट दी जाती है जबकि गरीबों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा जाल या पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान नहीं की जाती है।
नए संविधान के माध्यम से, वामपंथी दलों को खनिज और प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक से अधिक राज्य नियंत्रण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और पेंशन पर खर्च बढ़ाने की उम्मीद है।
राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने नवीनतम परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नागरिकों ने सरकार की विफ़लताओं के बारे में स्पष्ट बात की है और इस वोट ने निष्पक्ष, समावेशी, समृद्ध देश बनाने के लिए एक बेहतर अवसर प्रदान किया है।
कहा जा रहा है कि, परिवर्तन के समर्थकों को अब अपने प्रस्तावित परिवर्तनों पर सहमत होने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, वह भी ऐसी स्थिति में जब देश में वामपंथी दलों को अक्सर खंडित माना जाता है। दरअसल, कई निर्दलीय उम्मीदवार किसी भी पार्टी के सदस्य नहीं हैं और पारंपरिक दलों के बड़े आलोचक हैं।