ताइवान में अमेरिकी विमान दिखने के बाद चीनी सेना "हाई अलर्ट" पर

अमेरिकी सेना की 7वीं फ्लीट ने कहा कि उसने सिर्फ अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी थी और वह "जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है, उस जगह में उड़ान भरना, और संचालन करना जारी रखेगा।"

फरवरी 28, 2023
ताइवान में अमेरिकी विमान दिखने के बाद चीनी सेना
									    
IMAGE SOURCE: डैरेन कोच
पर्थ हवाई अड्डे से उड़ान भरता एक अमेरिकी नौसेना पी-8 पोसीडॉन

ताइवान जलडमरूमध्य के ऊपर एक निगरानी विमान को उड़ते हुए देखे जाने के बाद चीन ने अमेरिका पर शांति को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। ताइवान क्षेत्र में अमेरिका की बढ़ती उपस्थिति को चीन अपने आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में देखता है। 

चीन की निंदा

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमान ने कल जारी एक बयान में कहा कि अमेरिकी सेना के एक पी-8ए पोसीडॉन पनडुब्बी रोधी गश्ती विमान ने सोमवार को जलडमरूमध्य के ऊपर से उड़ान भरी। 

चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल शि यी ने कहा कि कमांड ने सैनिकों को "विमान के पूरी कार्यवाही पर नज़र रखने और निगरानी करने" के लिए इकठ्ठा किया है और "सब कुछ नियंत्रण में है।"

प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा, "चीन अमेरिका की कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करता है, जिसने जानबूझकर क्षेत्रीय स्थिति को बाधित किया है और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को खतरे में डाला है।"

उन्होंने कहा कि चीनी सेना "चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की पूरी तरह से रक्षा करने" के लिए "हाई अलर्ट पर" बनी हुई है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिकी सेना की 7वीं फ्लीट ने कहा कि उसने सिर्फ अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी थी और वह "जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून अनुमति देता है, उस जगह में उड़ान भरना, और संचालन करना जारी रखेगा।"

इसमें कहा गया है कि ताइवान जलडमरूमध्य के भीतर अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार संचालन करके, अमेरिका सभी देशों के नौवहन संबंधी अधिकारों और स्वतंत्रता को बरकरार रखता है, और यह कि ताइवान जलडमरूमध्य के अपने विमान के हालिया पारगमन ने अमेरिका के मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

हालिया तनाव

पिछले महीने अमेरिकी हवाई क्षेत्र में एक चीनी निगरानी गुब्बारे को देखे जाने के बाद दोनों महाशक्तियों के बीच तनाव का ताजा दौर शुरू हुआ है। अमेरिकी सेना ने ऊंचाई वाले गुब्बारे को मार गिराया, जिसे चीन ने ज़रुरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया का नतीजा बताया था।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team