गृह मामलों की यूरोपीय आयुक्त, यिवा जोहानसन ने महामारी के बाद की दुनिया में सीमाओं के पार यात्रा की तैयारी के लिए शेंगेन क्षेत्र में सुधार की योजना शुरू की है। रणनीति का उद्देश्य क्षेत्र को मज़बूत और अधिक लचीला बनाना है जो बाहरी सीमाओं, वैकल्पिक और शासन के तीन स्तंभों पर आधारित है।
योजना पेश करते हुए, जोहानसन ने कहा, "मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि सदस्य राज्यों के पास उस विशिष्ट देश के लिए गंभीर खतरा होने पर अस्थायी रूप से सीमा नियंत्रण को फिर से शुरू करने की विकल्प बने रहे।" हालाँकि उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कदम अंतिम उपाय ले तौर पर उठाया जाना चाहिए। फिर भी, उन्होंने कहा कि मौजूदा महामारी जैसी स्थितियों के लिए इस तरह के उपायों को पेश करना महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, आयोग ने एक सामान्य पुलिस सहयोग संहिता की स्थापना की सिफारिश की। इसके माध्यम से, जोहानसन ने कहा कि समूह डीएनए, उंगलियों के निशान और वाहन पंजीकरण के लिए अपने संसाधन और ज्ञान साझाकरण को अद्यतन और आधुनिक बनाने में सक्षम होगा। इसके अलावा, उसने अग्रिम यात्री सूचना प्रणाली के उपयोग की भी सिफारिश की, जो शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश करने और इंट्रा-शेंगेन यात्रा के लिए भी यात्रियों की निगरानी करती है, ।
योजना के अनुसार, फ्रोंटेक्स, जो यूरोपीय संघ की सीमा नियंत्रण एजेंसी है, समूह की बाहरी सीमाओं के प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार बनी रहेगी। जोहानसन ने कहा कि अप्रतिबंधित आंतरिक संचालन के लिए, यह महत्वपूर्ण था कि समूह के सभी सदस्य बाहरी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहें।
इस कदम की आलोचना होने की भी संभावना है, विशेष रूप से फ्रोंटेक्स के प्रवासियों से निपटने की चल रही आलोचना के आलोक में। मार्च में, यूरोपीय संसद की बजटीय नियंत्रण समिति के सदस्यों ने फ्रोंटेक्स, समूह की सीमा और तट रक्षक एजेंसी के लिए बजट को मंज़ूरी देने के ख़िलाफ़ मतदान किया। वह मुद्दों की एक श्रृंखला पर अतिरिक्त स्पष्टीकरण लाए जाने तक अनुमोदन को स्थगित करने पर सहमत हुए, जिसमें फ्रोंटेक्स कर्मचारियों द्वारा कथित अधिकारों का उल्लंघन शामिल है।
शेंगेन क्षेत्र 1995 में स्थापित किया गया था और वर्तमान में इसमें 400 मिलियन से अधिक नागरिक हैं। इसके परिणामस्वरूप, पूरे क्षेत्र में गतिविधियों को प्रतिबंधित और संचालित करने वाले कोई नियंत्रण नहीं हैं। इस क्षेत्र में यूरोपीय संघ, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और कई अन्य सूक्ष्म राज्यों के 22 सदस्य शामिल हैं।
कोविड-19 संकट ने शेंगेन क्षेत्र की अखंडता को हिलाकर रख दिया है जब बड़ी संख्या में देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगा दिए। महामारी की पहली लहर की शुरुआत के बाद, इस क्षेत्र के देशों ने जल्दबाज़ी में अंतर-राज्यीय यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया, जिससे कई व्यक्तियों और व्यवसायों में बाधाएँ पैदा हो गई, जो सीमाओं के पार मुक्त आवाजाही पर निर्भर थे। इन कदमों की हालाँकि भारी आलोचना की गई थी, लेकिन क्षेत्र की स्थापना करने वाले कानूनी ढांचे के तहत यह उचित थे, जो सार्वजनिक नीति या आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होने की स्थिति में मुक्त गतिविधि पर अपवादों की अनुमति देता है। दरअसल। आज तक, छह देशों- फ़िनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, हंगरी और फ़्रांस का गतिविधि पर नियंत्रण जारी है। इसके परिणामस्वरूप शेंगेन नियमों में सुधार की आवश्यकता के बारे में बातचीत हुई, जिसके परिणामस्वरूप बुधवार की घोषणा हुई।
कोविड-19 महामारी से पहले, यूरोपीय संघ में प्रवासी संकट ने शेंगेन क्षेत्र में मुक्त आवाजाही को चुनौती दी थी। इस अवधि के दौरान, कई देशों ने समूह के तटों पर आने वाले अप्रवासियों की मुक्त आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए सीमा जांच शुरू की। नतीजतन, नॉर्वे, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्वीडन, डेनमार्क और फ्रांस सहित छह देशों ने संभावित आतंकवादी या आपराधिक खतरों के मामले में गतिविधियों को अब भी प्रतिबंधित रखा है। इसलिए, कोविड-19 संकट और प्रवासी मुद्दे से उत्पन्न दोहरे खतरे के साथ, अधिकांश सदस्यों द्वारा इन सुधारों का स्वागत किए जाने की संभावना है।