मंगलवार को गाज़ा के आतंकवादी समूहों - हमास और इस्लामिक जिहाद द्वारा इज़रायल में 600 से अधिक रॉकेट प्रक्षेपण किए गए। इसी दौरान पूर्वी जेरूसलम में इज़रायल और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक झड़पें जारी रही। जवाबी कार्रवाई में, इज़रायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गाज़ा में एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम 33 लोग मारे गए।
रॉकेट का प्रक्षेपण शुरू में इज़रायल के दक्षिण में शहरों में हुआ, जिसमें एशकेलॉन और एशडोड शहर शामिल थे। बाद में जेरूसलम में एक साल्वो पर हमला किया गया। हमलों के परिणामस्वरूप एशकेलॉन में दो महिलाओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, जिसने क्षेत्र में कई इमारतों को भी नष्ट कर दिया। केरला की सौम्या संतोष, जो एशकेलॉन में देखभालकर्ता के रूप में काम कर रही थी की रॉकेट हमलों में मौत हो गयी है। इसके अलावा एशकेलॉन में एलॉट-एशकेलॉन तेल पाइपलाइन से संबंधित एक बड़ा टैंक रॉकेट से टकरा गया। आज सुबह, हमास ने 130 से ज़्यादा रॉकेट तेल अवीव पर गिराए, जिसमें एक पाँच साल के बच्चे सहित कई लोग घायल हो गए।
फिलिस्तीनियों की जबरन बेदख़ली को लेकर पूर्वी जेरूसलम में तनाव बढ़ने पर हमास ने पहले ही इज़रायल को परिणामों की चेतावनी दी थी। हमास के सशस्त्र विंग ने एक बयान में कहा कि "हम अपने वादे के अनुसार तेल अवीव और उसके उपनगरों के पर 130 रॉकेट के साथ बड़े पैमाने पर हमला शुरू कर रहे हैं।" इस बीच, इज़रायल की सेना ने कहा कि "पिछले 24 घंटों में सैकड़ों रॉकेटों के जवाब में, आईडीएफ ने 2014 के बाद से हमारे सबसे हमले के रूप में गाज़ा पट्टी में कई महत्वपूर्ण आतंकी ठिकानों पर हमला किया है।" आईडीएफ ने मंगलवार को 'ऑपरेशन गार्ड ऑफ द वॉल्स' भी लॉन्च किया और हमास के एंटी टैंक मिसाइल यूनिट के कमांडर इयाद फतिह फैक शाकिर को एक हवाई हमले में मार गिराया। इसके अतिरिक्त, आईडीएफ हमले ने एक इस्लामी जिहाद कमांडर और उसकी इकाई के वरिष्ठ सदस्यों को मार गिराया। हमलों के बाद, इस्लामिक जिहाद के महासचिव ज़ियाद अल-नखलाह ने वादा किया कि प्रतिरोध जारी रहेगा।
नवीनतम गणना के अनुसार, गाज़ा में आईडीएफ हवाई हमले में दस बच्चों सहित 33 लोगों की मौतें हुईं। फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने इज़रायल पर गाज़ा में युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से अपने लोगों के ख़िलाफ़ इज़रायल की आक्रामकता को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
दूसरी ओर, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज और इज़रायल की सेना के अन्य प्रमुखों के साथ एक संयुक्त बयान में, इज़रायल से आग्रह किया कि आईडीएफ होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का सख्ती से पालन करें और संरक्षित स्थानों में प्रवेश करें। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि “इस अभियान में समय लगेगा। दृढ़ संकल्प, एकता और शक्ति के साथ, हम इज़रायल के नागरिकों की सुरक्षा बहाल करेंगे। ” एक और वरिष्ठ इज़रायली अधिकारी ने जेरूसलम पोस्ट में पुष्टि की कि इज़रायल हमास को उसके हमलों की कीमत चुकाने पर मजबूर कर देने तक युद्ध विराम की योजना नहीं बनाएगा। अधिकारी ने कहा कि हमास ने रॉकेट से हमला किया और अब वह युद्ध विराम चाहते है। यह उनके लिए सही रहेगा, उनको जेरूसलम पर हमला और 500 रॉकेट से हमला करने की कीमत नहीं चुकानी होगी।
पूर्वी जेरूसलम में बढ़ते तनाव के बीच इज़रायल और हमास के बीच शत्रुता में वृद्धि हुई है। पिछले दो दिनों में, जेरूसलम और वेस्ट बैंक में इज़रायली सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में 700 से अधिक फिलिस्तीनी घायल हो गए है। यह हिंसा फिलिस्तीनियों और इज़रायल वासियों के बीच शेख जर्राह में लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद का परिणाम है। फिलिस्तीनियों को शेख जर्राह में अपने घरों से निकाले जाने की आशंका है, क्योंकि वे अत्यधिक विवादास्पद मुद्दे पर इज़रायल की उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं।
मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में, संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि इज़रायल और आतंकवादी समूहों के बीच झड़पों में वृद्धि के बारे में अमेरिका गहराई से चिंतित है। उन्होंने कहा कि इज़रायल के पास खुद का बचाव करने और रॉकेट हमलों का जवाब देने का अधिकार है। फिलिस्तीनी लोगों के पास भी सुरक्षा का अधिकार है, जैसा कि इज़रायल के पास हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भी मंगलवार को अपने इज़रायली समकक्ष मीर बेन-शब्बत के साथ बात की और स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में कदमों पर चर्चा की। ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक राब ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन ने जेरूसलम और इज़रायल के अंदरूनी इलाकों पर रॉकेटों की गोलीबारी की निंदा करता है। इसी के साथ उन्होंने हिंसा को रोकने और आम नागरिकों पर हमलें रोकने का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इज़रायल के सुरक्षा बलों से रॉकेट हमलों के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई करते हुए अधिकतम संयम बरतने और अपने बल के उपयोग सही से करने का आग्रह किया। इस हमले की ईरान, तुर्की, जॉर्डन और अन्य अरब देशों से भी कठोर निंदा की। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने ज़मीनी तौर पर यथास्थिति को बनाए रखने का दोनों पक्षों से आग्रह किया और ज़ोर देकर कहा कि प्रत्यक्ष शांति वार्ता को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है।
हालाँकि, दोनों पक्षों के बीच शांति के कोई संकेत नहीं दिखाई देते है क्योंकि अब भी इज़रायल में लगातार हिंसा फैल रही है। इज़रायल के शहर लोद में मंगलवार रात को दंगे भड़क उठे। दंगाइयों द्वारा शहर में तीन सभास्थल और कई दुकानों में आग लगा दी गई। बेर्शेबा में एक व्यक्ति को छुरा घोंपने की घटना भी सामने आयी है।