हांगकांग समर्थक लोकतंत्र कार्यकर्ता जिमी लाई विरोध प्रदर्शन मामले में अपराध स्वीकार करेंगे

हांगकांग में दस लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता, जिनमें उद्यमी जिमी लाई भी शामिल हैं, अक्टूबर 2019 में विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के मुकदमे में अपना अपराध स्वीकार करेंगे

मई 17, 2021
हांगकांग समर्थक लोकतंत्र कार्यकर्ता जिमी लाई विरोध प्रदर्शन मामले में अपराध स्वीकार करेंगे
Business tycoon Jimmy Lai
Source: CGTN

हांगकांग के उद्यमी और कार्यकर्ता जिमी लाई नौ अन्य लोकतंत्र समर्थक अधिवक्ताओं के साथ, जिनमें अनुभवी प्रचारक अल्बर्ट हो और पूर्व विधायक ली चेउक-यान शामिल हैं, 1 अक्टूबर, 2019 को आयोजित एक अनधिकृत सभा के आयोजन और भाग लेने के आरोपों में आज से शुरू होने वाले मुकदमे में अपना आरोप स्वीकार करने के लिए तैयार है। जबकि मीडिया द्वारा टिप्पणी के लिए लाई के प्रतिनिधियों तक नहीं पहुंचा जा सका है, हो ने रविवार को एक संक्षिप्त साक्षात्कार में इस खबर की पुष्टि की।

शुक्रवार की देर रात, हांगकांग के अधिकारियों ने बीजिंग द्वारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का हवाला देते हुए व्यवसायी की कुछ संपत्ति को ज़ब्त कर लिया। सुरक्षा सचिव, जॉन ली ने भी लाई के स्वामित्व वाली तीन अन्य कंपनियों के स्थानीय बैंक खातों के साथ अपनी नेक्स्ट डिजिटल लिमिटेड मीडिया कंपनी के सभी शेयरों को फ्रीज़ करने का नोटिस जारी किया। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह पहली बार है जब हांगकांग के स्थानीय अधिकारियों ने किसी सूचीबद्ध कंपनी में एक प्रमुख निवेशक के शेयरों को फ्रीज़ करने के लिए कठोर सुरक्षा कानून का इस्तेमाल किया है।

पिछले अप्रैल में, 72 वर्षीय मीडिया टाइकून, जो कि स्थापना विरोधी समाचार पत्र ऐप्पल डेली के संस्थापक हैं, को उनके घर पर गिरफ़्तार किया गया था और 14 महीने जेल की सज़ा सुनाई गई थी। पूर्व सांसदों मार्टिन ली, मार्गरेट एनजी, अल्बर्ट हो, लेउंग क्वोक-हंग, औ नोक-हिन और लेउंग यिउ-चुंग सहित कई अन्य लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, इन सभी पर अगस्त और अक्टूबर 2019 में गैरकानूनी सभा आयोजित करने और भाग लेने का आरोप लगाया गया है।

यह पहली बार नहीं है जब लाई ने लोकतंत्र समर्थक गतिविधियों में भाग लेने के लिए दोषी ठहराया है। उन्हें क्रमशः 18 अगस्त और 31 अगस्त, 2019 को अनधिकृत जमावड़े के लिए दो अलग-अलग आरोपों में दोषी ठहराया गया था, जिसमें उन्हें पहली बार 15 महीने की सज़ा मिली थी, जिसमें तीन महीनें काम कर दिए गए थे और दूसरे के लिए आठ महीने की सज़ा मिली थी। 

कार्यकर्ता की बार-बार गिरफ़्तारी की पश्चिमी सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों की निंदा की है, जिन्होंने वैश्विक वित्तीय केंद्र में अभिव्यक्ति और सभा की स्वतंत्रता सहित स्वतंत्रता में कमी पर चिंता जताई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक यामिनी मिश्रा ने पिछले महीने 10 हांगकांग समर्थक लोकतंत्र कार्यकर्ताओं को दी गयी सज़ा के बाद कहा कि इन कार्यकर्ताओं का गलत अभियोजन, दोषसिद्धि और सज़ा सरकार के सभी राजनीतिक विरोध को खत्म करने की मंशा को रेखांकित करती है।

बीजिंग द्वारा की गई कार्रवाई अक्टूबर 2019 से बढ़ी है, जब हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश के कम से कम एक दर्जन ज़िलों में सड़कों पर उतरकर बाड़ का निर्माण किया, आग लगाई और पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके, जिन्होंने आंसू गैस और डंडों से हिंसा का जवाब दिया।

रैलियों के बाद, चीन ने जून 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के माध्यम से हांगकांग पर अपनी पकड़ मज़बूत कर दी, जिसके अंतर्गत चीन द्वारा तोड़फोड़, अलगाववाद, आतंकवाद, या विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत मानी जाने वाली गतिविधियों के लिए कठोर दंड के साथ, जेल का प्रावधान है। इसके बाद, चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी ने एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जिसने हांगकांग के स्थानीय अधिकारियों को स्थानीय अदालतों को दरकिनार करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखे जाने वाले राजनेताओं को तुरंत हटाने की शक्ति दी। नतीजतन, हांगकांग के चार सांसद जिन्होंने अब तक क्षेत्र के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का समर्थन किया है, उन्हें तुरंत हटा दिया गया। उन्हीं विधानसभा सदस्यों को पहले फिर से चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि हांगकांग के प्रति उनकी निष्ठा की प्रतिज्ञा सच्ची नहीं थी। जवाब में, विपक्षी सांसदों ने पिछले नवंबर में सामूहिक रूप से समिति से इस्तीफ़ा दे दिया।

हाल ही में, बीजिंग ने हांगकांग की चुनावी प्रणाली में व्यापक विधायी परिवर्तनों के कई नियमों को मंज़ूरी दी, जिसमें विधायिका में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सीटों की संख्या में कमी और संभावित उम्मीदवारों को पूर्व-अनुमोदन के लिए एक पुनरीक्षण समिति की स्थापना शामिल है। यह कदम अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र की विधायिका से लोकतंत्र समर्थक ताकतों को रोकता है। 

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team