हंगरी ने मंगलवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों को संयुक्त रूप से इज़रायल-फिलिस्तीनी सैन्य शत्रुता में संयुक्त रूप से मामले पर समूह के एक औपचारिक बयान को ख़ारिज कर संघर्ष विराम का आह्वान करने से रोक दिया। बुडापेस्ट यूरोपीय संघ में इज़रायल सरकार का सबसे करीबी सहयोगी है और उसने अन्य 26 मंत्रियों के साथ चल रहे संघर्ष में संघर्ष विराम की मांग में शामिल होने से इनकार कर दिया।
हंगरी के विरोध के बावजूद, समूह ने फिर भी शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद करने की बात कही। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने यूरोपीय विदेश मंत्रियों के साथ एक आभासी बैठक के बाद एक बयान में कहा कि “प्राथमिकता सभी प्रकार की हिंसा को तत्काल समाप्त करना और संघर्ष विराम को लागू करना है। इसका उद्देश्य गाज़ा में पूर्ण मानवीय पहुंच प्रदान करने के लिए नागरिकों की रक्षा करना है।" राजनयिक ने इज़रायल के ख़िलाफ़ हमास के रॉकेट हमलों की भी निंदा की और इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार के लिए समूह के समर्थन को व्यक्त किया। हालाँकि, बोरेल ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि किसी भी प्रतिक्रिया एक आनुपातिक तरीके से और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करते हुए दी जानी चाहिए और कहा कि फिलिस्तीनियों को भी सुरक्षा का अधिकार है।
गाज़ा के उग्रवादी समूहों- हमास और इस्लामिक जिहाद- ने पिछले हफ्ते पूर्वी जेरूसलम में शेख जर्राह इलाक़े से सैकड़ों फिलिस्तीनियों को जबरन बेदखल करने और अल-अक्सा मस्जिद (इस्लाम में सबसे पवित्र स्थलों में से एक) में इज़रायली पुलिस कार्रवाई पर विरोध प्रदर्शनों के बाद इज़रायल पर रॉकेट हमलें शुरू कर दिए थे। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने ज़ोरदार हवाई हमले के साथ हमलों का जवाब दिया जिसमें हमलें की ज़द में आये निर्दोष नागरिकों को भयावह परिणाम झेलने पड़े। गाज़ा में 10 मई से अब तक कम से कम 200 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें 60 से अधिक बच्चे हैं, जबकि हज़ारों घायल हुए हैं। इज़रायल में से दो बच्चों सहित कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष विराम के आह्वान के बावजूद क्षेत्र में हिंसा बेरोकटोक जारी है।
बोरेल ने कहा कि हिंसा का स्तर अस्वीकार्य है और हिंसा को रोकने की तत्काल आवश्यकता है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि यह बड़े संकट के समाधान की गारंटी नहीं दे सकता है और दोनों पक्षों के बीच फिर से शांति तलाशने, लोगों के रहन-सहन की स्थिति में सुधार लाने और शांति प्रक्रिया शुरू करने की संभावना की दिशा में रास्ता खोलने के महत्व पर ज़ोर दिया। नेता ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ-साथ मध्य पूर्व क्वाड के अन्य सदस्यों (जिसमें रूस, अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ शामिल हैं) के संपर्क में है।
जबकि अधिकांश अन्य विदेश मंत्री बोरेल के आकलन से सहमत थे, हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्ज़िजार्तो ने इज़रायल पर अपनी एकतरफ़ा टिप्पणियों के लिए समूह को फटकार लगाई। स्ज़िजार्तो ने एएफपी को एक साक्षात्कार में बताया कि "इज़रायल पर इन यूरोपीय बयानों के साथ मुझे एक समस्या है। यह आमतौर पर बहुत एकतरफ़ा होते हैं और यह बयान मदद नहीं करते हैं, खासकर वर्तमान परिस्थितियों में नहीं, जब तनाव इतना अधिक है।" हंगरी पिछले कुछ समय से समूह के साथ न्यायिक स्वतंत्रता, एलजीबीटीक्यू+ अधिकारों और कानून के शासन को लेकर अनबन की स्थिति में है और बुडापेस्ट की आलोचना के लिए यूरोपीय संघ की लगातार आलोचना करता रहा है। राजनयिक ने मंगलवार को अपनी शिकायतों को स्पष्ट करते हुए कहा कि "यूरोपीय संघ की कूटनीति में केवल निर्णय, नकारात्मक बयान और प्रतिबंध शामिल नहीं होना चाहिए। इसलिए मुझे लगता है कि कम हस्तक्षेप और अधिक व्यावहारिक सहयोग यूरोपीय संघ को बहुत ताकत दे सकता है।"