आतंकवाद-निरोध पर भारत-मिस्र संयुक्त कार्य समूह की तीसरी बैठक 16 फरवरी 2023 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। संबंधित प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व महावीर सिंघवी, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए संयुक्त सचिव, भारत के विदेश मंत्रालय और मोहम्मद फौद अहमद, निदेशक, आतंकवाद का मुकाबला करने वाली यूनिट-मिस्र के विदेश मंत्रालय द्वारा किया गया था और इसमें दोनों पक्षों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।
भारत और मिस्र ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की कड़ी निंदा की। दोनों पक्षों ने विश्व स्तर पर और अपने-अपने देशों और क्षेत्रों में आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरों की समीक्षा की। उन्होंने आतंकवाद, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक अतिवाद, कट्टरवाद और आतंक के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अपनी-अपनी आतंकवाद-विरोधी प्राथमिकताओं और कार्यों को साझा किया।
दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा नामित सभी आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल, निरंतर, अपरिवर्तनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का आह्वान किया तकिए उनके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी सुरक्षित आश्रय के रूप में न हो और आतंकवादी हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
उन्होंने सभी देशों से आतंकवादी नेटवर्क, बुनियादी ढांचे, उनके वित्तपोषण चैनलों को खत्म करने और आतंकवादियों के सीमा पार आने-जाने वाली गतिविधियों को रोकने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
नई दिल्ली में संयुक्त परिषद् का आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कमेटी की विशेष बैठक के दौरान अक्टूबर 2022 में अपनाई गई दिल्ली घोषणा और नवंबर 2022 में नई दिल्ली में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए वित्तपोषण पर तीसरे "नो मनी फॉर टेरर मिनिस्ट्रियल" सम्मलेन की पृष्ठभूमि में, दोनों पक्षों ने आगे की राह पर चर्चा की।
साथ ही, दोनों देशों ने आभासी मुद्राओं, मानव रहित हवाई प्रणालियों और आतंकवादी प्रचार के लिए आतंकवादियों द्वारा साइबर स्पेस के दुरुपयोग से उत्पन्न नई और उभरती चुनौतियों का समाधान करने पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने और अपनाने की आवश्यकता की पुष्टि की, जिसका उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद विरोधी कानूनी ढांचे को आगे बढ़ाना और मजबूत करना है।
दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रयासों, अच्छी प्रथाओं के आदान-प्रदान और सूचना साझा करने सहित द्विपक्षीय आतंकवाद-रोधी सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। संयुक्त कार्य समूह ने संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक आतंकवाद विरोधी फोरम (जीसीटीएफ) सहित बहुपक्षीय आतंकवाद-रोधी सहयोग पर भी चर्चा की।
इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने 4 मई, 2023 को काहिरा में होने वाली अगली मंच की समन्वय समिति की बैठक से पहले जीसीटीएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसके दौरान मिस्र आधिकारिक रूप से मंच की सह-अध्यक्षता ग्रहण करेगा। संयुक्त कार्यदल की अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर मिस्र में आयोजित की जाएगी।