भारत और एस्टोनिया के बीच विदेश कार्यालय परामर्श का 11वां दौर 25 नवंबर 2021 को टायलिन में आयोजित किया गया था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय की सचिव रीनत संधू ने किया और एस्टोनियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के अवर सचिव रीन ताम्सार ने किया।
बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे पहलू की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया। दोनों पक्षों ने कई क्षेत्रों में अपनी साझेदारी के सकारात्मक प्रक्षेपवक्र की ख़ुशी जताई। उन्होंने साइबर सुरक्षा और डिजिटलीकरण, डेटा संरक्षण और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में चल रहे और भविष्य के सहयोग पर चर्चा की।
साथ ही वह साइबर सुरक्षा पर एक संवाद स्थापित करने की संभावना तलाशने पर सहमत हुए। वे स्वास्थ्य तकनीक, अनुसंधान और नवाचार, शिक्षा और स्टार्टअप जैसे सहयोग के नए और उभरते क्षेत्रों का पता लगाने पर भी सहमत हुए। दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश बढ़ाने और संस्कृति, फिल्म और पर्यटन में सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने अफ़ग़ानिस्तान, हिंद-प्रशांत और भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वह संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। सचिव ने एस्टोनिया की विदेश मंत्री, ईवा-मारिया लीमेट्स से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की।
एस्टोनियाई पक्ष ने टायलिन में एक रेजिडेंट मिशन खोलने के भारत के निर्णय का स्वागत किया और इसके शीघ्र उद्घाटन की प्रतीक्षा की। उन्होंने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर भी बधाई दी। भारत ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन और भारतीय टीकाकरण प्रमाणपत्र दोनों को मान्यता देने वाले पहले देशों में एस्टोनिया की सराहना की। भारत और एस्टोनिया 30 साल के राजनयिक संबंधों का जश्न मना रहे हैं और दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य भी हैं।