भारत और नेपाल ने गुरुवार को नेपाल में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण परियोजनाओं पर संयुक्त परियोजना निगरानी समिति (जेपीएमसी) की बैठक की। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तरी डिवीजन) अनुराग श्रीवास्तव और भारतीय राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण के सचिव सुशील चंद्र तिवारी ने की।
काठमांडू में भारतीय दूतावास द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि काठमांडू में बैठक के दौरान, नेपाल में आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विरासत क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त भूकंप के बाद पुनर्निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की व्यापक समीक्षा की गई।
गुरुवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्षों ने नेपाल के गोरखा और नुवाकोट जिलों में भारत सरकार की सहायता से निर्मित 50,000 घरों के सफलतापूर्वक पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया। इसी तरह, दोनों पक्षों ने नेपाल में शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत और स्वास्थ्य क्षेत्रों के तहत शुरू की जा रही पुनर्निर्माण परियोजनाओं में हुई प्रगति की भी सराहना की।
विज्ञप्ति के अनुसार, जेपीएमसी तंत्र की स्थापना अगस्त 2017 में नेपाल में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त भूकंप के बाद पुनर्निर्माण परियोजनाओं की निगरानी के लिए की गई थी। बैठक में नेपाल सरकार के संबंधित मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों, भारत सरकार के अधिकारियों और अधिकारियों, सलाहकारों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में लगे अन्य हितधारकों ने भाग लिया।
जेपीएमसी की पिछली बैठक पिछले साल 8 मार्च को काठमांडू में हुई थी। सह-अध्यक्षों ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर जेपीएमसी की अगली बैठक आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।