रविवार दोपहर को, भारत को चीन से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स का सबसे बड़ा शिपमेंट मिला। इस खेप में 3,600 से अधिक इकाइयां शामिल है और इसका वज़न 100 टन है। इसको हांग्जो से नई दिल्ली तक एक भारतीय बहुराष्ट्रीय परिवहन और रसद कंपनी, बोलोर लॉजिस्टिक्स इंडिया की मदद से पहुँचाया गया।
शिपमेंट चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा इस महीने की शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए एक पत्र के बाद आयी है। लिखित नोट में, शी ने कोविड-19 की विनाशकारी दूसरी लहर के बीच भारत में तेज़ी से बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और बीजिंग की सहायता की पेशकश की। इसी तरह के बयान चीनी विदेश मंत्री वांग यी और चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने भी दिए।
हालाँकि, मदद के लिए इन कई प्रस्तावों के बावजूद, यह बताया गया है कि चीनी राज्य द्वारा संचालित सिचुआन एयरलाइन ने भारत के लिए कार्गो उड़ानों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था, जिसके बारे में माना जाता है कि इससे चीन से आने वाले ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स और अन्य चिकित्सा आपूर्ति के परिवहन में रुकावट आई है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इसे फर्जी खबर कहते हुए ख़ारिज कर दिया है। इसके अतिरिक्त, बुधवार को चीनी राजदूत सुंग ने ट्वीट किया कि "ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स के लिए कम से कम 25,000 आर्डर चीनी सीमा शुल्क सुविधाओं द्वारा संसाधित किए जा रहे हैं और चीनी चिकित्सा आपूर्तिकर्ता भारत की मांगों पर ओवरटाइम काम कर रहे हैं।
इसके अलावा, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट ने फोटोग्राफिक साक्ष्य और दस्तावेज़ों का हवाला देते हुए बताया कि चीनी कंपनियां उपकरणों के विनिर्देशों और घटकों को बदलकर उप-मानक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स भेज रही है, जिससे मशीन की गुणवत्ता और जीवन चक्र पर असर पड़ा है। चीन के भारतीय खरीदारों के साथ साक्षात्कार भी आयोजित किए गए, जिसमें कई ने घटकों के लिए सस्ते विकल्पों के उपयोग की जानकारी दी गयी है।
दस्तावेज़ में भारत के सामने चल रहे मानवीय संकट के बावजूद 5-लीटर और 10-लीटर कॉन्सेंट्रेटर्स की बढ़ती कीमतों की भी बात की गई है। उदाहरण के लिए, जबकि 30 अप्रैल को युवेल कंपनी द्वारा बनाए गए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत 340 डॉलर थी, उसी डिवाइस को 12 मई को 460 डॉलर में बेचा जा रहा था। इंडिया टुडे ने आगे कहा कि चीनी कंपनियां ऊंची कीमतों का हवाला देते हुए अपने पिछले ऑर्डर को रद्द कर रही है। भारतीय निर्यातकों में से एक ने कहा कि “कई कारखानों ने अप्रैल में ऑर्डर और शुरुआती जमा राशि ली लेकिन उत्पादों की डिलीवरी नहीं की। श्रम छुट्टियों के ठीक बाद उन्होंने पहले से बुक किए गए ऑर्डर के लिए अधिक कीमत मांगना शुरू कर दिया। इस संबंध में, भारत ने चीन के के समक्ष कड़ा विरोध जताया है। हांगकांग में भारतीय महावाणिज्यदूत प्रियंका चौहान ने कहा कि "हमारी उम्मीद है कि आपूर्ति श्रृंखला खुली रहें और उत्पादों की कीमत भी स्थिर हो। आपूर्ति और मांग पर दबाव होने के बावजूद, कीमतों में स्थिरता होनी चाहिए और उत्पादों की कीमतों का भी पूर्वानुमान होना चाहिए।"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीनी सरकार अपने व्यवसायियों को कोविड-19 से संबंधित चिकित्सा आपूर्ति की डिलीवरी में तेज़ी लाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि कीमतों में वृद्धि बढ़ती मांग का परिणाम है, जो कच्चे माल का आयात करने के लिए चीनी निर्माताओं को वृद्धि करने पर मजबूर कर रही है।
इस बीच, ग्लोबल टाइम्स (राज्य द्वारा संचालित मीडिया हाउस) ने घटिया ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स पर इंडिया टुडे के रिपोर्ट की एक लेख में की आलोचना की और इसे बेहद अव्यवसायिक बताया। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योगों ने समग्र रूप से भारत, सहायता और निर्यात दोनों में महामारी विरोधी आपूर्ति करने में शीर्ष योगदान दिया है। लेख ने भारतीय समाज से चीन की सहायता के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया।
हालाँकि चीन ने मानवीय रुख अपनाने का दावा करते हुए कहा है कि वह भारत को ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने में मदद कर रहा है, उसने सीमाओं पर अपनी आक्रामकता बनाये रखी है। इस महीने की शुरुआत में, इंडिया टुडे के शिव अरूर ने बताया कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में चुपचाप अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। अरूर ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने स्थायी आवास और डिपो के साथ पूर्वी लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति को मज़बूत किया है। ऐसी भी खबरें हैं कि चीनी सेना ने भारतीय सीमा के करीब कहीं एक संयुक्त वायु रक्षा प्रणाली स्थापित की है।
इसलिए, हालाँकि चीन कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत को सहायता दिए हुए प्रतीत होता है, यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच साझा सीमा पर तनाव बाह्य विघटन के प्रति प्रतिबद्धता के बावजूद जारी रहेंगे।