भारत द्वारा प्रतिबंधित एक संगठन द्वारा कुछ पश्चिमी देशों में खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रयासों को "पाखण्ड" और पाकिस्तान के आईएसआई की करतूत करार देते हुए दल खालसा के संस्थापक जसवंत सिंह ठेकेदार ने कहा है कि यह लोगों को गुमराह करने की कोशिश है और भारत में इसका सिखों से कोई लेना-देना नहीं है।
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, ब्रिटेन में स्थित सिख अलगाववादी नेता ठेकेदार ने कहा कि "पाकिस्तान खालिस्तान का असली दुश्मन है और कुछ सिख पाकिस्तान सरकार के हाथों में उपकरण के रूप में काम कर रहे हैं।"
उनसे पिछले साल की उन खबरों के बारे में भी पूछा गया जब सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखे गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत कभी नहीं की गयी।
बुधवार को ऑस्ट्रेलिया में ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा अनधिकृत रूप से एकत्रित होने के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ब्रिस्बेन में भारत के वाणिज्य दूतावास को "कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया" और इस मामले पर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के बात की गई और दोनों देशों की टीमें संपर्क में हैं। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अपनी भारत यात्रा में कहा था कि देश में भारत-विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ी कार्यवाई करेंगे।
इसी साल में, कई खालिस्तान समर्थकों ने दुनिया के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। हालाँकि अधिकांश हमले कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में केंद्रित हैं:
- शनिवार, 4 मार्च को, ब्रिस्बेन के बरबैंक उपनगर में एक मंदिर की दीवारों को हिंदू और भारत विरोधी ग्राफिटी से भर दिया था।
- 23 जनवरी को खालिस्तानी तत्वों द्ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर के अल्बर्ट पार्क में स्थित एक हिंदू मंदिर में ऐसी ही ग्राफिटी दिवार पर बनाई।
- 17 जनवरी को, खालिस्तानी समर्थकों ने मेलबर्न में कैरम डाउन्स में ऐतिहासिक एक और मंदिर को नुकसान पहुँचाया।
- 12 जनवरी को, मेलबर्न के मिल पार्क के उत्तरी उपनगर में स्थित एक मंदिर में खालिस्तानी हमलावरों ने नुकसान पहुँचाया।
- 31 जनवरी को कनाडा के ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा एक मंदिर पर ऐसा ही हमला किया था।
- मिसिसॉगा में एक प्रमुख हिंदू मंदिर को 13 फरवरी को भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा विरूपित किया गया था।
इसके बाद कनाडा,ऑस्ट्रेलिया सहित भारत में ऐसे हमलों के खिलाफ आवाज़ें उठी है। जनवरी में, भारत ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के पास मेलबोर्न में खालिस्तानी समूहों से जुड़ी हिंसा और मेलबर्न में एक प्रमुख मंदिर में हमले का मुद्दा उठाया।
फरवरी में, टोरंटो में भारत के वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट किया कि "हम मिसिसॉगा में राम मंदिर को भारत विरोधी ग्राफिटी से विरूपित करने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से इस घटना की जांच करने और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।"
We strongly condemn the defacing of Ram Mandir in Missisauga with anti-India graffiti. We have requested Canadian authorities to investigate the incident and take prompt action on perpetrators.
— IndiainToronto (@IndiainToronto) February 14, 2023
इसके साथ ही सितंबर 2022 में विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कनाडा में भारतीयों के खिलाफ बढ़ते घृणा अपराधों और भारत विरोधी गतिविधियों की निंदा करते हुए अपनी चिंता कड़ी भाषा में व्यक्त की।