न्यूज़ीलैंड विदेश मंत्री, नानिया महुता ने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ फाइव आइज़ इंटेलिजेंस-शेयरिंग एलायंस गठबंधन बनाए रखने की देश की इच्छा को जताया और कहा कि इसका उपयोग चीन पर दबाव बनाने के साधन के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा की- “हम फाइव आइज़ की इस नीति से असहज हैं। हम अनेक मुद्दों पर अपने हितों को व्यक्त करने के लिए बहुपक्षीय अवसरों की तलाश करेंगे। ”

उनकी टिप्पणियां 21-23 अप्रैल के बीच उनके कीवी समकक्ष और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ एक व्यक्तिगत बैठक से पहले आयी है। इस बैठक के लिए आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने औटेरोआ की यात्रा करेंगे।

महुता ने टिप्पणी की कि फाइव आइज़ ग्रुपिंग का एक विशिष्ट उद्देश्य है और कहा कि न्यूजीलैंड वैश्विक महत्व के मामलों में बयान जारी करने में अपनी स्वतंत्रता बनाए रखना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि-  "हालाँकि कुछ चीजें हैं, जिन पर न्यूज़ीलैंड सहमति नहीं देता है और न ही दे सकता है, लेकिन  पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों का निर्माण करने की आवश्यकता बनी रहेगी।" महुता का यह बयान न्यूजीलैंड चीन परिषद की बैठक के दौरान आया। 

महुता ने कहा, "न्यूज़ीलैंड ने, जब से हमने पोर्टफोलियो को संभाला है इस बात को बहुत स्पष्ट तौर पर कहा है की फाइव आइज़ का संपर्क के पहले पायदान के रूप में या मुद्दों पर संदेश भेजने के लिए प्रयोग नहीं होगा। कुछ मुद्दे फाइव आइज़ की सीमा क्षेत्र के बाहर हैं। हमने फाइव आइज़ के सदस्यों के सामने यह बात स्पष्ट रूप से व्यक्त की है कि हम उस प्रकार के दृष्टिकोण का पक्ष नहीं लेते हैं।

आरडर्न प्रशासन ने पहले शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के चीनी सरकार की राजनीति, हांगकांग में उसके नए अनावरण राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और ताइवान को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में शामिल होने की अनुमति देने को लेकर अपनी चिंताओं को उठाया है।

फिर भी, जब उसने हांगकांग और शिनजियांग से जुड़े कुछ मामलों पर फाइव आइज़ सदस्यों के साथ कई संयुक्त बयानों पर सह-हस्ताक्षर किए हैं, तब न्यूज़ीलैंड ने जानबूझकर अन्य मुद्दों से अपनी दूरी बनाई रखी।

आरडर्न ने पहले कहा था कि न्यूज़ीलैंड चीन के साथ पहले की तरह संबंध बनाये रखेगा। उन्होंने कहा की न्यूज़ीलैंड आपसी महत्त्व के उन मुद्दों पर सीधे खुद चर्चा करने विश्वास रखता है और यह इस तरह वह एक राष्ट्र के रूप में मानवाधिकारों की चिंता और अन्य मुद्दों से निपटता है।

पिछले महीने के अंत में, न्यूज़ीलैंड ने अपने फाइव आइज़ के सहयोगियों और दस अन्य देशों द्वारा संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की निंदा करने के लिए एक साथ आए थे जिसमें कहा गया था कि COVID-19 की संभावना चमगादड़ से उत्पन्न हुई है, जिससे इस सिद्धांत को ख़ारिज कर दिया गया था कि वायरस एक प्रयोगशाला से लीक हो गया था। उस समय, विदेश मंत्री महुता ने कहा था कि न्यूज़ीलैंड टिप्पणी करने से पहले अपने विशेषज्ञों की विश्लेषण रिपोर्ट का इंतज़ार करेगा।

जनवरी में हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की सामूहिक गिरफ्तारी पर न्यूज़ीलैंड ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। यह 5G नेटवर्क में हुआवेई उपकरण के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाने वाला एकमात्र फाइव आइज़ सदस्य भी है।

यह माना जाता है कि इस अधिक सावधान दृष्टिकोण ने चीन के साथ न्यूज़ीलैंड के निरंतर सकारात्मक संबंधों में एक भूमिका निभाई है, जबकि इसके पड़ोसी, ऑस्ट्रेलिया एशियाई दिग्गज के साथ राजनयिक और व्यापार तनाव के लिए तैयार है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के कार्यकाल के दौरान, ऑस्ट्रेलिया विशेष रूप से चल रही महामारी के दौरान अमेरिका के करीब हो गया है। उनके प्रशासन ने कोरोनोवायरस महामारी में चीन के सहापराध की अंतर्राष्ट्रीय जांच की माँग की थी। ऑस्ट्रेलिया ने यह भी कहा है कि दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के क्षेत्रीय दावों का कोई कानूनी आधार नहीं  है और हांगकांग में नए सुरक्षा कानून और शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के उपचार की आलोचना भी की है। इसी सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदारी से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए ऑस्ट्रेलिया ने संबंधों में बेहतरी आयी है। ऑस्ट्रेलिया ने मालाबार नौसैनिक अभ्यासों और नेताओं ने क्वाड के साथ शिखर सम्मेलन में भाग लिया है और हाल ही में जापान के साथ एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। ऑस्ट्रेलिया अमेरिकी युद्धपोतों के साथ शामिल हो गया ताकि वह चीनी जहाजों को मलेशिया के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन से बाहर  निकल सके। इसी के साथ उसने हुआवेई को देश के 5G नेटवर्क से प्रतिबंधित कर दिया, और एक नया कानून पेश किया जिससे संघीय सरकार राज्य समझौतों और विदेशी सरकारों और संस्थाओं के बीच किसी भी समझौते को समाप्त करने की अनुमति दे सकेगी।

 

नतीजतन, चीन के MOFCOM ने कई ऑस्ट्रेलियाई निर्यातों पर सख्त व्यापार प्रतिबंध और यहां तक ​​कि अस्थायी प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिनमें तांबा, शराब, बीफ, जौ, लकड़ी, लॉबस्टर, कोयला, डेयरी, चीनी, ऊन, फल, और दलिया शामिल हैं।

 

न्यूज़ीलैंड ने मानवाधिकारों के लिए बीजिंग की प्रतिबद्धता पर अपनी टिप्पणियों के कारण चीन के साथ अपने संबंधों में कुछ तनाव देखे हैं। पिछले साल, हांगकांग पर फाइव आइज़ के संयुक्त बयान के बाद, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने चेतावनी दी, "आपके पास चाहे कितनी भी आँखें हों, सावधान रहें कि चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास को नुकसान पहुंचाकर अंधे न हों।" इसी तरह, न्यूज़ीलैंड के शिनजियांग पर ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त बयान के बाद, देश में चीनी दूतावास ने "चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए शिनजियांग का उपयोग बंद करने" के लिए आरडर्न सरकार को चेतावनी दी थी।

 

हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया के विपरीत, न्यूज़ीलैंड चीन द्वारा दंडात्मक उपायों के प्रकोप से बच गया है। वास्तव में, व्यापार मंत्री डेमियन ओ'कॉनर ने इस साल की शुरुआत में सुझाव दिया था कि ऑस्ट्रेलिया को अपनी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए चीन को अधिक "सम्मान" दिखाने के लिए न्यूज़ीलैंड के नक्शेकदम पर चलना चाहिए।

 

जनवरी में, न्यूज़ीलैंड और चीन ने एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जो अपने वर्तमान $ 32 बिलियन के दो-तरफा व्यापार संबंधों का विस्तार करेगा। उस समय, चीनी राज्य के स्वामित्व वाले समाचार आउटलेट ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि यह सौदा ऑस्ट्रेलिया के लिए संबंधो को बेहतर बनाने की पहल के तौर पर काम कर सकता है।

 

महुता की ये ताज़ा टिप्पणियां उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पायने के साथ उनकी आगामी मुलाकात को जटिल बना सकती हैं, जब, महुता के एक बयान के अनुसार, यह जोड़ी दोनों देशों की कोविड-19 रणनीतियों में सहयोग पर चर्चा करने के लिए तैयार है और विदेश नीति और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों सहित दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण  की पूरी श्रृंखला से जुड़ी है।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team