काबुल में पाकिस्तान सेना प्रमुख ने अफ़ग़ान नेतृत्व से मुलाक़ात की

हाल के हफ्तों में, पाकिस्तानी पक्ष कथित तौर पर तालिबान के साथ मिल कर रुकी हुई शांति वार्ता की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के प्रयासों में लगा हुआ है। इसी के साथ वह तुर्की में होने वाले सम्मलेन में उ

मई 13, 2021
काबुल में पाकिस्तान सेना प्रमुख ने अफ़ग़ान नेतृत्व से मुलाक़ात की
Source: Commons Wikimedia. org

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल क़मर जावेद बाजवा ने सोमवार को काबुल में शीर्ष अफ़ग़ान नेताओं के साथ मुलाकात की अफ़ग़ान-नेत्तृत्व और अफ़ग़ान -स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया के लिए अपने देश का समर्थन व्यक्त किया। वह इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद के साथ अफ़गानिस्तान की राजधानी में थे और उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ़ गनी और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के अध्यक्ष डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ बातचीत की।

राष्ट्रपति गनी के साथ अपनी बैठक के दौरान, नेताओं ने दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों, अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया में मौजूदा घटनाक्रम, द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग और प्रभावी सीमा प्रबंधन की आवश्यकता पर चर्चा की। ब्रिटिश चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल निकोलस पैट्रिक कार्टर ने भी वार्ता में भाग लिया।

पाकिस्तान शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे पहले, इसने तालिबान पर अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए दबाव डाला था, जिसने फरवरी 2020 में अमेरिका-तालिबान शांति समझौते को शुरू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हाल के हफ़्तों में, पाकिस्तानी पक्ष कथित तौर पर रुकी हुए शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है और तालिबान की तुर्की में हो रहे सम्मेलन में उपस्थिति सुनिश्चित करने पर ज़ोर दे रहा है। इसी के साथ इस्लामाबाद तालिबान को अमेरिका की सैन्य निकासी के लिए दी गयी अंतिम तिथि को भी आगे बढ़ाने पर मनाने की कोशिश कर रहा है, इस शर्त पर की वॉशिंगटन अफ़ग़ान सेना के तालिबान के ख़िलाफ़ मामलों में नहीं उलझेगी।

अफ़ग़ान सुरक्षा बलों को हाल के दिनों में तालिबान के हमलों का सामना करना पड़ा है क्योंकि अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों को देश से निकालने के लिए 1 मई की समय सीमा समाप्त कर चुका है। पिछले हफ़्ते, सरकार ने बताया कि 24 घंटे की अवधि में देश के 34 प्रांतों में से 26 में समूह द्वारा 100 से अधिक हमले दर्ज किए थे। शांति वार्ता के लिए तालिबान ने कहा है कि वार्ता तब तक कोई फल नहीं देगी जब तक कि उनके नेताओं को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची से हटा नहीं देता। हालाँकि सोमवार को, तालिबान ने ईद के अवसर पर देश भर में तीन दिवसीय युद्ध विराम की घोषणा की और अपने सदस्यों को चेतावनी दी कि इसके बावजूद वह दुश्मन से हमले के लिए सतर्क रहें। यह घोषणा काबुल में एक स्कूल के बाहर बम विस्फोटों के दो दिन बाद आयी है जिसमें 50 से अधिक लोगों (जिसमें ज़्यादातर युवा लड़कियां शामिल थीं) की मौत हो गयी थी।

बाजवा ने अपनी यात्रा के दौरान ज़ोर देकर कहा कि एक शांतिपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान का मतलब सामान्य और शांतिपूर्ण पाकिस्तान है। इस बीच, गनी ने एक सार्थक चर्चा के लिए नेता को धन्यवाद दिया और अफ़ग़ान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की ईमानदारी और सकारात्मक भूमिका की सराहना की। बाद में बाजवा ने डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला से भी शांति प्रक्रिया पर चर्चा की।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team