रूस का अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच ताजिकिस्तान को सुरक्षा सहायता देने का आश्वासन

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिका की सैन्य वापसी की प्रक्रिया के बीच पड़ोसी देश ताजिकिस्तान अपनी साझा सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने की आशंका से चिंतित है और ऐसे समय में रूस के व्लादिमीर पुतिन ने देश को अपनी

मई 11, 2021
रूस का अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच ताजिकिस्तान को सुरक्षा सहायता देने का आश्वासन
Source: Kremlin

शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में अपने ताजिक समकक्ष इमोमाली रहमोन के साथ बैठक में ताजिकिस्तान को अधिक सुरक्षा-संबंधी सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया। पुतिन की घोषणा ऐसे समय में आई है जब मध्य एशियाई देश अफ़ग़ानिस्तान से जुड़ी अपनी सीमाओं में हिंसा फैलने की संभावना से चिंतित है।

बैठक के दौरान, रहमोन ने अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया, खासकर जब से संयुक्त राज्य अमेरिका ने सितंबर तक इस क्षेत्र से सभी सैनिकों को वापस बुला लेने का फैसला किया है। पुतिन सहमत हुए और कहा कि चूंकि ताजिकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान  के साथ लंबी सीमा साझा करता है, इसलिए सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता आधारहीन नहीं है।

पुतिन ने आश्वासन दिया कि "रूस वह सब कुछ कर रहा है जो आपका समर्थन करने के लिए कर सकता है।" उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि मॉस्को देश में रूसी सैन्य उपस्थिति को मज़बूत करने और ताजिकिस्तानी सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान करने पर काम कर रहा है। पुतिन ने अपने ताजिक समकक्ष के हवाले से कहा, "हम इस क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों को जारी रखेंगे, जिसमें कई वर्षों तक प्रभाव में रहने वाला एक पूरा कार्यक्रम भी शामिल है और हम इसे लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।"

रहमोन ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सहयोग के सभी क्षेत्रों में गतिशील रूप से विकसित हो रहे हैं। रहमोन ने यह भी कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में मॉस्को और दुशांबे के बीच घनिष्ठ सहयोग है।

दोनों पक्ष स्वतंत्र सुरक्षा राज्यों (सीआईएस), सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ), और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे क्षेत्रीय सुरक्षा संगठनों का हिस्सा हैं। ताजिकिस्तान भी इस साल एससीओ और सीएसटीओ के वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजन की तैयारी में लगा है। पिछले महीने, दोनों देशों ने ताजिकिस्तान में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया, जिसमें 50,000 से अधिक सैनिक शामिल थे। रूस ने ताजिकिस्तान में अपने 201वें सैन्य अड्डे को भी बनाए रखा है और पिछले महीने ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान की विवादित सीमा के मामले में हुई हिंसक झड़पों को मध्यस्थता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पुतिन ने शुक्रवार को उज़्बेक के राष्ट्रपति शकट मिर्ज़ियोयेव के साथ एक टेलीफोन बातचीत की। किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान 1991 में सोवियत संघ से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से सीमाओं, विशेष रूप से उपजाऊ फ़रगना घाटी के बारे में दावों पर लड़ रहे हैं। रूस ने वर्षों से इन मध्य एशियाई देशों में तनावों की मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ताजिकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के साथ अपनी 1,360 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ-साथ वहाँ पर आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में चिंतित है। दुशांबे को अपनी सीमाओं पर आतंकवादी गतिविधियों की वृद्धि का डर है और ऐसा होने से रोकने के लिए उसने काबुल के साथ कई सुरक्षा योजनाएं  भी बना रखी है। हालाँकि, अमेरिकी सैन्य वापसी और अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण बनी सुरक्षा शून्य ने निस्संदेह रूप से ताजिक अधिकारियों को चिंतित कर दिया है।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team