मंगलवार को, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक फोन पर हुई बातचीत में चीन के प्रमुख बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के साथ साम्राज्य के विज़न 2030 से जोड़ने का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव खाड़ी देश की तेल से अलग अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए और मज़बूत करने की कोशिश के दौरान सामने आया है।
इस संबंध में, दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने के तरीकों पर चर्चा की। शी ने कहा कि चीन ने सऊदी अरब के साथ सभी-आयामी और उच्च-स्तरीय सहयोग बनाने और अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में समन्वय और सहयोग को गहरा करने का लक्ष्य रखा है। क्राउन प्रिंस ने कहा कि रियाध विज़न 2030 और बीआरआई के बीच रणनीतिक अंतर्संबंध को मज़बूत करने के लिए तैयार है। अगर चीज़े योजनानुसार होती है, तो सऊदी अरब चीन के बीआरआई के साथ आने वाले आकर्षक ऋणों का लाभ उठा सकता है और अपनी अर्थव्यवस्था में अधिक चीनी निवेश की उम्मीद कर सकता है। दूसरी ओर, चीन सऊदी के विशाल ऊर्जा भंडार का लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र में अपने पदचिह्न का विस्तार करना चाहता है।
विज़न 2030 एक पहल है जिसे 2016 में प्रिंस द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जो तेल आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भरता को कम करने के लिए राज्य की योजनाओं को दर्शाता है। तेल उद्योग में व्यवधान और महत्वपूर्ण सऊदी ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हौथी हमलों में वृद्धि के बीच यह निर्णय आया था। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना है। यह जीवाश्म ईंधन आधारित उद्योग से दूर जाकर सऊदी अरब की जलवायु परिवर्तन पहलों के प्रति प्रतिबद्धता को बढ़ाना चाहता है। रियाद ने NEOM प्रोजेक्ट के माध्यम से इसे प्राप्त करने की उम्मीद की जो 2025 तक देश के उत्तर-पश्चिम तब्बुक प्रांत में एक स्मार्ट सिटी बनाने की योजना की महत्वाकांक्षी पहल है। इस परियोजना के अंतर्गत सऊदी ने 170-किमी लंबे रैखिक शहरी हब "द लाइन" जिसमें "शून्य कारें, शून्य सड़कें और शून्य कार्बन उत्सर्जन होगा भी शामिल रहेंगे।
इस पृष्ठभूमि के में, एमबीएस और शी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों को मज़बूत करने का आश्वासन दिया और "जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के व्यापक और प्रभावी कार्यान्वयन के प्रयासों को बढ़ाने के लिए कहा। शी ने पूर्व-मध्य में जलवायु जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो सऊदी प्रस्तावों- सऊदी ग्रीन और मध्य पूर्व ग्रीन पहल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। इन परियोजनाओं के माध्यम से, सऊदी दुनिया में सबसे बड़े वनीकरण कार्यक्रम को लागू करके पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने पड़ोसियों के साथ साझेदारी करेगा।
जलवायु के अलावा, दोनों ने द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह चीन-सऊदी अरब के रणनीतिक संबंधों को "नए स्तरों" पर ले जाने को तैयार हैं। हालाँकि, रणनीतिक साझेदारी पर आगे का विवरण उपलब्ध नहीं था।
चीन लंबे समय से मध्य पूर्वी देशों के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक संबंधों का विस्तार करना चाहता था। एमबीएस-शी वार्ता चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले महीने अपने व्यापक क्षेत्र के दौरे के दौरान सऊदी में आने के बाद हुई है। एमबीएस के साथ वांग की वार्ता में, दोनों पक्षों ने चीन-सऊदी अरब उच्च-स्तरीय संयुक्त समिति को बढ़ावा देने का फैसला किया, जो व्यापार, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का प्रयास करता है। यह भी तय किया गया कि दोनों पक्ष बीआरआई और विजन 2030 के बीच सहयोग को गहरा करेंगे।