भारत और चिली के बीच 7वां विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) 14 सितंबर 2021 को सैंटियागो में आयोजित किया गया। इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व रीवा गांगुली दास, सचिव (पूर्व) और चिली पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय, चिली के उप मंत्री कैरोलिना वाल्डिविया टोरेस ने किया।
एफओसी के दौरान, दोनों पक्षों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा की जिसमें व्यापार और निवेश, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा, अंतरिक्ष, अंटार्कटिका में सहयोग, आपदा प्रबंधन, सांस्कृतिक और कांसुलर मुद्दे शामिल थे। साथ ही दोनों पक्षों ने कोविड-19 स्थिति और महामारी के बाद आर्थिक सुधार में व्यापार और निवेश भागीदारी बढ़ाने की संभावनाओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों देशों ने स्वीकार किया कि व्यापार भारत-चिली संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और तरजीही व्यापार समझौते के आगे विस्तार के लिए चल रही वार्ता पर संतोष व्यक्त किया जिस पर 2006 में हस्ताक्षर किए गए थे और 2017 में इसका विस्तार किया गया था। इसी के साथ देशों ने संयुक्त राष्ट्र में सहयोग सहित सामान्य हित पर क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और बहुपक्षीय क्षेत्र में एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
यह वार्ता मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जिसमें दोनों पक्ष स्थापित द्विपक्षीय तंत्र के माध्यम से हित के क्षेत्रों में बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष एफओसी के अगले दौर को नई दिल्ली में आयोजित करने पर सहमत हुए।
चिली और भारत की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे पर साझा चिंताए है और चिली भारत द्वारा झेले गए सीमा पार आतंकवाद के कृत्यों की नियमित रूप से निंदा करता है। दोनों देश बहुपक्षीय मंचों पर बड़े पैमाने पर सहयोग करते हैं और जलवायु परिवर्तन/नवीकरणीय ऊर्जा के मुद्दों और यूएनएससी के विस्तार और सुधारों पर समान विचार साझा करते हैं। चिली ने अप्रैल 2003 में चिली के विदेश मंत्री की भारत की आधिकारिक यात्रा के समापन पर जारी संयुक्त वक्तव्य में यूएनएससी में स्थायी सीट के लिए भारत के दावे के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और तब से लगातार इस समर्थन को दोहराया है। इसने नवंबर 2017 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।