संयुक्त राष्ट्र ने कनाडा आवासीय स्कूलों में मूल-निवासी बच्चों की मौत की जांच की मांग की

पिछले हफ़्ते, 'टकेम्लाप्स ते सेकवेपेमक' की प्रमुख, रोज़ेन कासिमिर ने घोषणा की कि 215 बच्चों के शव पूर्व कैम्लूप्स इंडियन रेसीडेंशियल स्कूल में मिले थे।

जून 3, 2021
संयुक्त राष्ट्र ने कनाडा आवासीय स्कूलों में मूल-निवासी बच्चों की मौत की जांच की मांग की
Canadian Prime Minister Justin Trudeau
SOURCE: THE CANADIAN PRESS

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के एक प्रवक्ता मार्टा हर्टाडो ने कनाडा सरकार से पूर्व आवासीय स्कूलों में मूल-निवासी बच्चों की मौत की जांच शुरू करने का आह्वान किया है। यह मांग ब्रिटिश कोलंबिया के कैम्लूप्स के एक पूर्व आवासीय विद्यालय में 215 स्वदेशी बच्चों के शवों की खोज के बाद आयी है।

हर्टाडो ने कहा कि "यह घटना चौंकाने वाली है और दर्दनाक घावों को फिर से खोलती है। साथ ही यह ओटावा को सभी अचिह्नित कब्रों की त्वरित और संपूर्ण जांच शुरू करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।" उनका मानना ​​है कि मूल-निवासी समुदाय और परिवार के घाव तभी सही मायने में भर सकते हैं, जब उन्हें उनके परिवार के लापता या मृत सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी मिल जाए। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने टिप्पणी की कि इसके बाद मुआवज़े, माफ़ी, स्मारक और पुनर्वास सेवाओं को सुलह के लिए आधारशिला के रूप में लिया जाना चाहिए।

हर्टाडो ने आगे कहा: "सरकार द्वारा संचालित शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों में मूल-निवासी बच्चों के खिलाफ ऐतिहासिक दुर्व्यवहार मूल-निवासी समुदायों के जीवन को प्रभावित करना जारी रखता है। उनसे प्राप्त होने वाले भाषाई, आर्थिक और सांस्कृतिक स्तर के अंतर-पीढ़ीगत प्रभाव महत्वपूर्ण हैं। इस काले दौर के दौरान जो हुआ उसके लिए संपूर्ण स्पष्टीकरण और सच्चाई तक पहुंच और निवारण की कमी इसे और जोड़ती है।"

नवीनतम खोज तब सामने आई जब टकेम्लाप्स ते सेकवेपेमक (Tk’emlúps te Secwépemc) की प्रमुख रोज़ेन कासिमिर ने पिछले हफ्ते घोषणा की कि 215 बच्चों के शव पूर्व कैम्लूप्स इंडियन रेसीडेंशियल स्कूल की साइट पर मिले थे।

मंगलवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में एक संसदीय बहस के दौरान, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया कि "कैम्लूप्स में निष्कर्ष बताते हैं कि ऐसे अन्य लोग भी हो सकते हैं जिन्हें अभी तक अन्य स्थानों पर नहीं पाया गया है।" इन स्कूलों में इन छात्रों के भयानक अकेलेपन और इनके साथ किए गए अकल्पनीय दुर्व्यवहार पर शोक व्यक्त करते हुए, ट्रूडो ने कहा कि तथ्य यह है कि इतने सारे बच्चों को उनके जीवन से लूट लिया गया था और यह कनाडा की गलती है।

उन्होंने आगे कहा, "दुख की बात है कि यह कोई अपवाद या इकलौती घटना नहीं है। हमें सच्चाई को स्वीकार करना होगा। आवासीय विद्यालय एक वास्तविकता थे। एक त्रासदी जो यहाँ मौजूद थी, हमारे देश में और हमें इस गलती को स्वीकार करना होगा।”

ट्रूडो ने कहा कि वह क्राउन स्वदेशी संबंध मंत्री कैरोलिन बेनेट, स्वदेशी सेवा मंत्री मार्क मिलर और उत्तरी मामलों के मंत्री डैन वैंडल के साथ बात करने की योजना बना रहे हैं कि इस मुद्दे को कैसे हल किया जाए। उन्होंने कहा, इसमें "सामाजिक आर्थिक अंतर को बंद करना, आवासीय विद्यालयों के बचे लोगों का समर्थन करना और भूमि दावों के विवादों को निपटाना शामिल होगा।"

इसके अलावा, बेनेट ने घोषणा की कि "देश भर के पूर्व आवासीय विद्यालयों में अचिह्नित कब्रों को उजागर करने के लिए 27 मिलियन डॉलर की राशि इस्तेमाल में ले जाएगी। फंडिंग को मौतों, दफनाने और कब्रिस्तानों के लिए रजिस्ट्रियां स्थापित करने की दिशा में निर्देशित किया जाएगा। मूल-निवासी भागीदारों और समुदायों को सामुदायिक योजनाओं को विकसित करने, अनुसंधान करने और स्थानीय ज्ञान एकत्र करने, दफन स्थलों की पहचान करने और उन्हें चित्रित करने के लिए पेशेवर पुरातात्विक जांच सेवाओं तक पहुंचने और अपने प्रियजनों को याद करने, स्मरण करने और वापस लौटने में सहायता करेगा।"

1863 से 1996 तक, 150,000 से अधिक मूल-निवासी बच्चों को उनके परिवारों से जबरन अलग कर दिया गया और आवासीय विद्यालयों में रखा गया, जहां उन्हें अक्सर अपनी भाषा बोलने या अपनी संस्कृति के हिसाब से जीने की अनुमति नहीं थी, जो कि सरकार के विचार में उन्हें कनाडाई संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान को आत्मसात करवाने का एक प्रयास था। कई बच्चे शारीरिक और यौन शोषण से पीड़ित हुए, उनको कुपोषित और खराब आवास स्थितियों रखा गया जिससे उन्हें कई संक्रामक रोग हो गए।

इसे ध्यान में रखते हुए, 2015 सत्य और सुलह आयोग (टीआरसी) की रिपोर्ट, जिसे सात साल के शोध के बाद जारी किया गया था, ने निर्धारित किया कि नीति सांस्कृतिक नरसंहार थी। ऐसा अनुमान है कि इन स्कूलों में पढ़ते समय 4,100 से 6,000 बच्चों की मृत्यु हो गई। हालाँकि तथ्य यह है कि इतनी सारी अचिह्नित कब्रें हैं कि जिसका एक ही अर्थ हो सकता है कि मरने वालों की संख्या और अधिक भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, टीआरसी रिपोर्ट में कैम्लूप्स आवासीय विद्यालय में केवल 51 बच्चों की मौत दर्ज की गई थी, जो पिछले सप्ताह खोजे गए 215 शवों से काफी कम थी। टीआरसी ने 94 कॉल टू एक्शन की भी सिफारिश की जो घाव भरने, मुआवज़े और सुलह के आसपास केंद्रित है, लेकिन इन सिफारिशों में से अधिकांश को अभी तक लागू नहीं किया गया है।

सरकार के अलावा, कैम्लूप्स में हुई खोज ने रोमन कैथोलिक चर्च को भी आलोचना की ज़द में ले लिया है, यह देखते हुए कि स्कूल कैथोलिक चर्च द्वारा 1893 से 1969 तक संचालित किया गया था। संघीय सरकार ने 1977 में इसे बंद करने से पहले 1969 तक केवल परिचालन कर्तव्यों को संभाला। दरअसल, रोमन कैथोलिक, एंग्लिकन, यूनाइटेड, मेथोडिस्ट और प्रेस्बिटेरियन चर्च अक्सर आवासीय स्कूल प्रणालियों के प्रशासन के प्रभारी थे जो देश भर में इन स्कूलों में से लगभग 60% का संचालन करते थे।

इसके लिए, इंडियन रेसीडेंशियल स्कूल सर्वाइवर्स सोसाइटी (आईआरएसएसएस) ने सेंट पापा फ्राँसिस से कैथोलिक द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में प्रथम राष्ट्र, इनुइट और मेटिस के बच्चों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, भावनात्मक, शारीरिक और यौन शोषण में रोमन कैथोलिक चर्च की भूमिका के लिए उत्तरजीवियों, उनके परिवारों और समुदायों से माफी मांगने का आह्वान किया है। ।

इस प्रकरण ने लाखों कनाडाई लोगों को हिला कर रख दिया है और न केवल देश के काले और विकृत अतीत को चित्रित किया है, बल्कि यह भी तात्यापित लिया है कि देश अभी तक पूरी तरह से उस अतीत से नहीं जोड़ा गया है। साथ ही, इसने वैश्विक अधिवक्ता और मानवाधिकारों के रक्षक के रूप में कनाडा की स्थिति की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए हैं।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team