बढ़ती मौतों के बीच संयुक्त राष्ट्र का म्यांमार में हथियार-हस्तांतरण निलंबन पर मतदान स्थगित

म्यांमार में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 800 हो गई है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने देश में हथियार-हस्तांतरण निलंबन पर मतदान स्थगित कर दिया है

मई 19, 2021
बढ़ती मौतों के बीच संयुक्त राष्ट्र का म्यांमार में हथियार-हस्तांतरण निलंबन पर मतदान स्थगित
Source: Wikimedia Commons

म्यांमार को "प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी हथियारों और जंगी सामान की आपूर्ति, बिक्री या हस्तांतरण के तत्काल निलंबन के लिए एक प्रारूप प्रस्ताव पर मंगलवार को होने वाला एक संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) मतदान अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। हालाँकि ऐसी अटकलें हैं कि देरी प्रस्ताव के लिए अधिक समर्थन हासिल करने के लिए है लेकिन अब भी मतदान का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।

इस प्रस्ताव में म्यांमार की सेना, जिसे ततमादव के नाम से भी जाना जाता है, को आपातकाल की स्थिति को समाप्त करने और नवंबर के चुनाव में व्यक्त की गई लोगों की इच्छा का सम्मान करने का आह्वान किया गया है। स्टेट काउंसलर और वास्तविक नेता आंग सान सू की की चुनावों में जीत के बाद, ततमादव ने 1 फरवरी को देश में नागरिक नेतृत्व वाली सरकार को ज़बरदस्ती उखाड़ फेंका था। तब से, सू की को कई अन्य नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) नेताओं के साथ घर में नजरबंद रखा गया है और सुरक्षा बलों ने असंतोष पर क्रूर कार्रवाई की है, जिसके कारण सैकड़ों मौतें हुई हैं। इसी वजह से यह प्रारूप म्यांमार सशस्त्र बलों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों, नागरिक समाज के सदस्यों, महिलाओं, युवाओं, साथ ही बच्चों और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ हर प्रकार की हिंसा को तुरंत रोकने का आह्वान करता है। इसी के साथ यह सेना से चिकित्सा कर्मियों, मानवाधिकार रक्षकों, श्रमिक संघ के सदस्यों, पत्रकारों और मीडिया कर्मियों पर उत्पीड़न और हमलों को रोकने के साथ साथ इंटरनेट और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाने का भी आग्रह करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के विपरीत, यूएनजीए के प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं और इन्हें वीटो नहीं किया जा सकता है, लेकिन उनका राजनीतिक महत्त्व हैं। हालाँकि यूएनएससी कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबंध या हथियार प्रतिबंध लगा सकता है, कुछ राजनयिकों ने चिंता व्यक्त की है कि रूस और चीन म्यांमार के ख़िलाफ़ किसी भी कार्रवाई को रोकने के लिए अपने वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि महासभा द्वारा यह प्रारूप प्रस्ताव अपनाया जाता है, तो  ततमादव से म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानर बर्गेनर की यात्रा की अनुमति देने और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) द्वारा अपनी जकार्ता बैठक में संकट को समाप्त करने के लिए एक योजना को लागू करने का अनुरोध किया जाएगा। 

इस पृष्ठभूमि में, म्यांमार में हिंसा दैनिक आधार पर बढ़ती जा रही है। असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) नामक एक स्थानीय निगरानी समूह द्वारा देश में हुई हिंसा पर नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, ततमादव ने सोमवार तक लगभग 802 नागरिकों को तख़्तापलट के शांतिपूर्वक विरोध के दौरान मार डाला है। समूह ने यह भी कहा कि वर्तमान में 4,120 लोग हिरासत में है, जिनमें से 20 को मौत की सज़ा सुनाई गई है। एएपीपी ने अपने दैनिक वार्ता में कहा कि "यह एएपीपी द्वारा सत्यापित संख्या है, वास्तविक मृत्यु की संख्या बहुत अधिक है।"

हालाँकि, सेना हताहत हुए लोगों और हिरासत में लोगो के आंकड़ों से सहमत नहीं है और इसने मीडिया की स्वतंत्रता, सूचना और इंटरनेट की आवाज़ को दबाना जारी रखा है। इसकी वजह से आधिकारिक आंकड़ों को सत्यापित करना मुश्किल हो गया है। ततमादव ने यह दावा करते हुए अपने कार्यों को सही ठहराया है कि विरोध के दौरान उनके बलों के दर्जनों सदस्य भी मारे गए हैं।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team