यूएनएससी की आतंकवाद रोधी समिति के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की

भारतीय राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।

अक्तूबर 31, 2022
यूएनएससी की आतंकवाद रोधी समिति के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की
छवि स्रोत: भारत की राष्ट्रपति/ट्विटर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने 29 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह प्रतिनिधिमंडल समूह 28-29 अक्टूबर 2022 को मुंबई और दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की समिति की विशेष बैठक में भाग लेने के लिए भारत में पहुंचा है।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने मुंबई में 26/11 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देकर उनकी यात्रा शुरू करने के उनके भाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत, दुनिया के सबसे खुले और विविध समाजों में से एक, दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने के लिए भारत की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आतंकवाद के सभी वारदातों के प्रति शून्य सहनशक्ति, चाहे उसकी मंशा कुछ भी हो, वैश्विक आतंकवाद के ख़िलाफ़ वास्तुकला को आकार देने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मार्गदर्शक दृष्टिकोण होना चाहिए।

बैठक के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा कंबोज ने सीटीसी के अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता में, राष्ट्रपति को सुरक्षा परिषद् की समिति के कामकाज और इसकी प्राथमिकताओं के बारे में बताया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष माइकल मौसा एडमो और गैबॉन के विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संक्षिप्त हस्तक्षेप करते हुए राष्ट्रपति को सुरक्षा परिषद् की समिति के विचार-विमर्श के मुख्य पहलुओं और आगे के रास्ते से अवगत कराया, जैसा कि आज से पहले अपनाई गई दिल्ली घोषणा में उल्लिखित है।

बैठक में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों में घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयोरकोर बोचवे, संयुक्त अरब अमीरात के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग राज्य मंत्री रीम इब्राहिम अल हाशिमी और अल्बानिया की उप विदेश मंत्रीमेगी फिनो, संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों सहित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के आतंकवाद निरोधी कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव भी उपस्थित रहें।

इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 27 अक्टूबर को ईरान के शिराज में शाह-ए-चेराग दरगाह में आईएसआईएस के और 29 अक्टूबर को मोगादिशु, सोमालिया में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों और ईरान के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही सरकार ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण खतरा बना हुआ है और दुनिया के देशों को आतंकवाद के सभी रूपों में एकजुट होने और उसका मुकाबला करने के लिए समय देने की ज़रुरत है।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team