यूनाइटेड स्टेट्स (यूएस) ऑफ़िस ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक ने 9 अप्रैल को अपनी 2021 वार्षिक थ्रैट असेसमेंट रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका को कोविड-19 महामारी से वैश्विक व्यवधान के कारण खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त तकनीकी प्रगति, और वैश्विक शक्ति प्रतियोगिता का भी दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया है। यहाँ दस्तावेज़ से कुछ मुख्य बिंदु हैं:
चीन की वैश्विक शक्ति बनने की होड़ अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा
रिपोर्ट में चीन की वैश्विक शक्ति बनने की चाह और उसके प्रभाव को अमेरिका के लिए सबसे बड़े खतरे के तौर पर रखा गया है। इसके अलावा रूस, ईरान और उत्तरी कोरिया की भड़काऊ गतिविधियों को भी प्रमुखता से पेश किया गया है। बीजिंग, वाशिंगटन के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा को "युगीन भू-राजनीतिक बदलाव" के हिस्से के रूप में देखता है और चीन कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपनी प्रासंगिकता और अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए सैन्य, आर्थिक और तकनीकी नवाचार और क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास जारी रखेगी। यह दस्तावेज़ आगे दावा करता है कि सीसीपी की रणनीति "चीन के प्रभाव को फैलाने के लिए प्रयासों में संलग्न है, जो कि वॉशिंगटन और उसके सहयोगियों के बीच में खाई पैदा करने का काम करता है" और चीन के अधिनायकवादी प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति मिलने को बढ़ावा देता है। दस्तावेज़ में इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए बीजिंग द्वारा वैक्सीन कूटनीति और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का उपयोग का भी उल्लेख किया गया है।
हालांकि यह रिपोर्ट अमेरिका और चीन के बीच किसी भी प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष की भविष्यवाणी नहीं करती है, लेकिन यह दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रमण और ताइवान के खिलाफ जारी तनाव की ओर इशारा करती है। "हम जानते है की टकराव बढ़ेगा क्योंकि बीजिंग ताइपे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने और आर्थिक समृद्धि के लिए चीन पर निर्भर होने के प्रयासों को बढ़ाता जा रहा है, और ताइवान के चारों ओर सैन्य गतिविधि में भी वृद्धि हुई है।" दस्तावेज़ कहते हैं किस चीन अगले 10 वर्षों में अपने परमाणु भंडार को दोगुना करने का प्रयास कर सकता है, और अंतरिक्ष और उपग्रह प्रौद्योगिकी में जबरदस्त प्रगति करेगा, जो एक गंभीर साइबर-जासूसी खतरे को पेश करेगा और चीन के साथ रूस के साथ बढ़ते रणनीतिक सहयोग से यह हालात बदतर होंगे।
अफगानिस्तान में शांति समझौते की संभावनाएं कम हैं
यह दस्तावेज अगले साल अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर तस्वीर पेश करता है, जिसमें कहा गया है कि शांति समझौते की संभावना कम रहेगी। इसके अनुसार तालिबान युद्ध के मैदान पर लाभ कमा सकता है और अगर गठबंधन समर्थन वापस ले लेता है तो अफगान सरकार देश की स्थिति सँभालने के लिए संघर्ष करेगी। राष्ट्रपति बिडेन जो 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त राष्ट्र से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा करने के लिए कमर कस रहे हैं के लिए हालात मुश्किल हो सकते है। यह आकलन कि बलों की कमी के साथ आगे बढ़ने में राष्ट्रपति खुफिया समुदाय की चेतावनी को अनदेखा कर रहे हैं, उनके आलोचकों के लिए आदर्श उपकरण के रूप में काम कर सकता है।
कोविड-19 महामारी के आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव वर्षों तक महसूस किए जाएंगे
"कोविड-19 दुनिया भर में आबादी के लिए खतरा बना रहेगा जब तक कि टीके और चिकित्सीय उपकरण व्यापक रूप से वितरित नहीं किए जाते हैं." रिपोर्ट में कहा गया है की इस महामारी से कई देशों में अस्थिरता बढ़ सकती है, खासकर की उन देशों जहा वर्त्तमान में अंदरूनी संघर्ष है या अगर कही चरम जलवायु परिवर्तन होते है। इस महामारी ने कई राष्ट्रों की सुरक्षा प्राथमिकताओं को बदल दिया है और ऐसे हालात अब उन देशों के लिए और मुश्किल परिस्थिति पैदा कर सकते है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि महामारी की वजह से किसी भी आतंरिक संघर्ष में कमी नहीं आयी है।
इस दस्तावेज़ में लिखा है कि कोरोनावायरस संकट के कारण आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान विश्व की आबादी, जिसमें अमेरिका भी शामिल है को “नयी महामारियों के प्रति सवेंदनशील बना देगा। इससे तेज़ी से और अनियोजित शहरीकरण, विघटित संघर्ष और मानवीय संकट, पहले से न सुलझाई गई भूमि में मानव घुसपैठ, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा और व्यापार का विस्तार, और सरकार और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं का सार्वजनिक अविश्वास जैसे कारक भी शामिल है। रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय गिरावट, प्रवासन, विदेशी अवैध ड्रग्स और संगठित अपराध, और साइबर प्रौद्योगिकी को अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
वार्षिक मूल्यांकन बुधवार और गुरुवार को कांग्रेस की सुनवाई होगी। नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) के निदेशक एवरिल हैन्स और सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स इस साल की शुरुआत में पहली बार रिपोर्ट पर सार्वजनिक रूप से गवाही देंगे।