अमेरिकी सीनेटर की ईरान के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत से मुलाकात

सीनेटर क्रिस मर्फ़ी और ईरान के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत माजिद तख्त-रवांची ने भी इज़रायल और हमास के बीच गाज़ा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और ईरान में अमेरिकी कैदियों की रिहाई के मुद्दों पर चर्चा की

मई 20, 2021
अमेरिकी सीनेटर की ईरान के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत से मुलाकात
Democratic Senator Chris Murphy
Source: Connecticut Public Radio

संयुक्त राज्य अमेरिका के डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस मर्फ़ी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ईरान के राजदूत माजिद तख्त-रवांची के साथ एक वर्चुअल बैठक की। इसमें 2015 के परमाणु समझौते (जेसीपीओए) को पुनर्जीवित करने के लिए चल रही वियना वार्ता और यमन युद्ध पर चर्चा की गयी। मर्फ़ी और रवांची ने इज़रायल और हमास के बीच गाज़ा  में मौजूदा संघर्ष को ख़त्म करने और ईरान में अमेरिकी कैदियों की रिहाई के तरीकों के बारे पर भी चर्चा की।

अपनी चर्चा के दौरान, मर्फ़ी ने जेसीपीओए को पुनर्जीवित करने के महत्व पर बल दिया और ईरानियों को परमाणु वार्ता में गंभीरता और तात्कालिकता के साथ संलग्न होने के लिए रवांची से सीधे तौर पर बात की। हालाँकि, रवांची ने कहा कि देश के द्वारा किसी भी समझौते में शामिल होने से पहले अमेरिका को ईरान पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने की ज़रूरत है। उनकी बैठक परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए वियना में ईरान और विश्व शक्तियों के बीच चौथे दौर की गहन वार्ता के मद्देनजर हो रही है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऐतिहासिक समझौते को छोड़ने और तेहरान पर आर्थिक प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के एकतरफ़ा फैसले के बाद दोनों देशों के बीच गंभीर रूप से अस्थिर संबंधों के चार साल बाद, बिडेन प्रशासन के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। अब तक अलग-अलग पक्षों के वार्ताकारों ने उम्मीद जताई है कि समझौता जल्द ही फिर से शुरू हो जाएगा।

मर्फ़ी ने रवांची के साथ यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन और ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के बीच चल रहे युद्ध पर भी चर्चा की और संघर्ष को समाप्त करने के लिए ईरान से हौथियों पर दबाव बनाने का आग्रह किया। हालाँकि ईरानी दूत इस मोर्चे पर मर्फ़ी से सहमत थे, उन्होंने कहा कि यमनी संकट के किसी भी समाधान में युद्धविराम की गारंटी होनी चाहिए, लोगों पर से घेराबंदी पूरी तरह से हटनी चाहिए और उस देश को मानवीय सहायता की बेरोकटोक पहुँच दी जानी चाहिए। मध्य पूर्व की हालिया यात्रा जब 2014 से चल रही वर्तमान स्थिति के समाधान पर चर्चा की गई, मर्फ़ी ने कहा कि "मामला दरअसल हौथियों के पक्ष में था। यदि वह इस आक्रामकता को बनाये रखते है तो उन्हें मानवीय तबाही के लिए दुनिया को जवाब देना होगा, जो इस संकट से पैदा होगी।"

इज़रायल और हमास के बीच गाज़ा पट्टी में चल रही हिंसा का उल्लेख करते हुए सीनेटर ने रवांची से कहा कि तेहरान के लिए हमास को युद्धविराम स्वीकार करने और इज़रायल पर रॉकेट हमलों को समाप्त करने के लिए अपनी आवाज़ उठाना महत्वपूर्ण है। रवांची ने इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक बयान को अवरुद्ध करने के लिए अमेरिकी सरकार की आलोचना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि हालिया संघर्ष यहूदी शासन के उकसावे और फिलिस्तीनियों की हत्या के परिणामस्वरूप शुरू हुआ। ईरान पर हमास को ड्रोन और मिसाइल सहित सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया है।

मर्फ़ी ने इसके बाद ईरान से ईरानी मूल के अमेरिकी नागरिक मोराद तहबाज़ को जेल से रिहा करने का आह्वान किया। तहबाज़ को ईरानी सुरक्षा बलों ने 2018 में ईरान में गिरफ़्तार किया था और कथित तौर पर अमरीकी सरकार के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए दस साल जेल की सज़ा सुनाई थी। ईरान ने अन्य अमेरिकी नागरिकों को भी हिरासत में लिया है, जिनमें ज़्यादातर दोहरे नागरिक हैं। यह स्पष्ट नहीं था कि क्या मर्फ़ी ने सभी अमेरिकी कैदियों की रिहाई की मांग की थी।

अमेरिकी सीनेटर मध्य पूर्व में अमेरिकी नीति स्थापित करने में सक्रिय रूप से कार्यरत है। इस महीने की शुरुआत में, मर्फ़ी ने नेताओं के साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए क़तर, ओमान और जॉर्डन का दौरा किया और उनसे यमन में युद्ध, सीरियाई संकट और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर चर्चाएँ की।

लेखक

Statecraft Staff

Editorial Team